राज्यपाल के इस बयान पर पार्थ चटर्जी से जब पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से साफ इन्कार कर दिया. परंतु, उनके सहयोगी मंत्री और कद्दावर तृणमूल नेता फिरहाद हकीम ने राज्यपाल पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राजनेता की भाषा राज्यपाल के मुंह से शोभा नहीं देती. देश की जनता ऐसा सुनने को अभ्यस्त नहीं है, इससे राज्यपाल के पद की गरिमा को ठेस पहुंचता है.

राज्यपाल प्रकरण में फिरहाद ने इस दिन भाजपा को आड़े हाथों लिया और कहा कि तृणमूल के चेहरे पर कीचड़ नहीं, बल्कि कीचड़ उनके चेहरे पर लगी है जिन्होंने गुजरात में दंगा करवाया, व्यापम घोटाला किया, उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर करवा रहे हैं और लोगों का मौलिक अधिकार छीनने की कोशिश कर रहे हैं.

तृणमूल नेताओं का बयान

इससे पहले तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा था कि राज्यपाल ने मालदा जिले के अधिकारी को पत्र लिख कर संवैधानिक मर्यादा का उल्लंघन व राज्यपाल के पद को कलंकित किया है. इससे पहले तृणमूल के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने राज्यसभा में राज्यपाल के खिलाफ मुखर हुए थे. डेरेके ने कहा था कि राज्यपाल ने राज्य सरकार को बाइपास कर मालदा के प्रभागीय आयुक्त को पत्र लिखा कर जिले की कानून-व्यवस्था, बांग्लादेश से सटे सीमा सुरक्षा और सरकार संचालित विकास योजनाओं के बाबत एक बैठक बुलाई थी.