पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण 10 जून, गुरुवार को लग रहा है. यह दिन कई मायनों में विशेष है. वर्ष 2021 का पहला सूर्य ग्रहण वृष राशि में लगने जा रहा है. वृष राशि को राशिचक्र के अनुसार दूसरी राशि माना गया है. वृष राशि में सूर्य ग्रहण लगने का क्या प्रभाव रहेगा, आइए जानते हैं-
वृष राशि का स्वभाव
राशि चक्र में वृष राशि को दूसरा स्थान प्राप्त है. वृष राशि का चिन्ह बैल है. वृष राशि के स्वामी की बात करें तो, शुक्र ग्रह इस राशि का स्वामी है. जो वर्तमान समय में मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं. वृष राशि के जातक परिश्रमी और अपने कार्य में खोए रहने वाले होते हैं. ये किसी से तब तक शत्रुता का भाव नहीं रखते हैं, जब तक कोई इन्हें सीधा नुकसान न पहुंचाए. धन के मामले में इस राशि के जातक अच्छी सफलता प्राप्त करते हैं. शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तो ऐसे जातक जीवन में उच्च सफलता प्राप्त करते हैं.
सूर्य ग्रहण का समय
सूर्य ग्रहण 10 जून को दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से प्रारंभ होगा और पूरे 5 घंटे बाद शाम 6 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा. पंचांग और ज्योतिष गणना के अनुसार यह सूर्य ग्रहण भारत में आंशिक रहेगा. लेकिन उत्तर-पूर्व अमेरिका, यूरोप, उत्तरी एशिया और उत्तरी अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्सों में पूर्ण रूप से दिखाई देगा.
सूतक काल
10 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण में सूतक काल के नियमों का पालन नहीं किया जाएगा. जब आंशिक सूर्य ग्रहण होता है तब सूतक काल मान्य नहीं होता है. सूतक काल पूर्ण सूर्य ग्रहण में अधिक प्रभावी होता है. सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पूर्व सूतक आरंभ होता है.
सूर्य ग्रहण का राशियों पर प्रभाव
सूर्य ग्रहण का प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ता है. ग्रहण की अशुभता से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखना चाहिए-
- सूर्य ग्रहण के दौरान पूजा पाठ करना चाहिए
- सूर्य ग्रहण से पूर्व या समाप्त होने के बाद ही भोजन करना चाहिए.
- सूर्य ग्रहण के दौरान यात्रा करने से भी बचना चाहिए.
- सूर्य ग्रहण के बाद स्नान करना चाहिए.
- सूर्य ग्रहण के समय गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए.