चंडीगढ़ के एंडोस्कोपिक सर्जन ने एक 16 महीने की छोटी बच्ची अमायरा के केल्सीकृत ब्रेन ट्यूमर का इलाज कर इतिहास रच दिया. डॉक्टरों का कहना है कि अमायरा, न्यूरोएंडोस्कोपी होने वाली विश्व की सबसे छोटी बच्ची बन गयी है जिसमें उसकी नाक से ट्यूमर निकाला गया.

ये दुर्लभ ऑपरेशन डॉक्टरों की विशेषज्ञ टीम ने किया. इसमे डॉक्टर धंधापानी एसएस, डॉक्टर सुशांत न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट से थे और डॉक्टर रिजुनीता ईएनटी डिपार्टमेंट से थीं.
अमायरा उत्तराखंड की रहने वाली है. बीते 20 दिन से वो अपनी मां को सही से रेस्पांस नहीं कर रही रही थी. उसको देखने में भी तकलीफ हो रही थी.
जब उसका एमआरआई करवाया तो उसमें 3 सेमी का ट्यूमर, क्रैनियोफैरिंजियोमा ऑप्टिक नर्व और हाइपोथैलेमस के पास था जो कि एक साल की बच्ची के हिसाब से बहुत बड़ा था.
डॉक्टर ने कहा कि इस तरह के ट्यूमर ओपन सर्जरी से निकाले जाते हैं और बाकी हिस्से में रेडिएशन थैरेपी की जाती है लेकिन अब ऐसे ऑपरेशन नाक से किए जाते हैं. इसमें ईएनटी सर्जन शामिल होते हैं. ये 6 साल से बड़ी उम्र वालों पर ही होता है लेकिन अमायरा इसको करवाने वाली सबसे यंग बच्ची है. इससे पहले ये ऑपरेशन 2 साल के बच्चे पर स्टेनफोर्ड, अमेरिका में किया गया जो दुनिया में इस तरह का ऑपरेशन कराने वाला सबसे कम उम्र का बच्चा था.
छोटे बच्चों में नाक से ट्यूमर निकालना काफी चैलेंजिंग होता है क्योंकि उनके नोस्ट्रिल्स बहुत छोटे होते हैं, अल्पविकसित बोन्स होती हैं, ब्लड वेसेल पास-पास होती हैं. इस ऑपरेशन के वक्त बहुत छोटे इंस्ट्रूमेंट का उपयोग किया गया.
डॉक्टर सुशांत का कहना है कि ट्यूमर तक पहुंचना बहुत मुश्किल था क्योंकि नाक और हड्डियां परिपक्व नहीं थी. डॉक्टर का कहना था कि ये सर्जरी इसलिये भी मुश्किल थी क्योंकि ब्रेन ट्यूमर हटाते वक्त नाक से ब्रेन फ्लूड लीक होने का खतरा भी बना रहता है.
लेकिन 6 घण्टे लंबे चले इस ऑपेरशन में डॉक्टरों ने सफलता हासिल की और अमायरा को आईसीयू में शिफ्ट किया गया. सर्जरी के 10 दिन बाद बच्ची रिकवर कर रही है, उसके विज़न में सुधार हो रहा है, सीटी स्कैन में सब नॉर्मल आ रहा है.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal