अलग-अलग समुदायों के विरोध के बाद संजय लीला भंसाली को सफाई देने के लिए आगे आना पड़ा. हाल ही में उन्होंने एक वीडियो जारी कर संदेश दिया कि फिल्म में पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी को लेकर कोई ड्रीम सीन नहीं फिल्माया गया है. लेकिन अब फिल्म एक कानूनी पचड़े में फंस गई है.
भाषा के अनुसार इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में एक जनहित याचिका दायर कर ‘पद्मावती’ फिल्म पर सती प्रथा को महिमामंडित करने का आरोप लगाया गया है.याचिका में कहा गया था कि फिल्म मलिक मोहम्मद जायसी की रचना पद्मावत पर आधारित है जिसके अंत में रानी पद्मावती सती हो जाती हैं.
एक नजर देखिए फिल्म का ट्रेलर
भाषा एजेंसी के मुताबिकर याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि याची अपनी बात सक्षम प्राधिकारी के समक्ष अपील के माध्यम से रख सकता है. अधिवक्ता के अनुसार याचिका में कहा गया है कि इस बात को फिल्म में दिखाना सती प्रथा को बढ़ावा देना माना जाना चाहिए. लिहाजा ऐसी फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाई जानी चाहिए. आपको बता दें पद्मावती के किरदार में दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह अलाउद्दीन खिलजी की भूमिका में नजर आने वाले हैं. ‘पद्मावती’ 1 दिसंबर को रिलीज हो रही है.
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