विवादों के बाद भी इस फिल्म ने 3 दिन में कमाए सौ करोड़

दक्षिण भारतीय फिल्म अभिनेता विजय की फिल्म मर्सस इस साल की सबसे बड़ी तमिल रिलीज मानी जा रही है. फिल्म ने तमाम विवादों के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर काफी अच्छी कमाई कर ली है. पहले दिन फिल्म ने 43. 3 करोड़ कमाए थे. ट्रेड रिपोर्ट्स के अनुसार फिल्म ने आधिकारिक रूप से तीन दिन में बॉक्स ऑफिस पर सौ करोड़ कमा लिए हैं.

दिलचस्प बात ये है कि इसी के साथ विजय की चार फिल्में सौ करोड़ क्लब में शामिल हो चुकी हैं. इनमें थुप्पक्की, काथी, ठेरी और मर्सल के नाम शामिल हैं.

यहीं नहीं तमिलनाडु में ये फिल्म सुपरस्टार रजनीकांत की कबाली और अजीत कुमार की विवेगम के रिकॉर्ड को भी पार कर चुकी है.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी फिल्म काफी अच्छा कर रही है. अब तक इसका ओवरसीज कमाई दस करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर चुकी है. इस बारे में ट्रेड एनालिस्ट तरुण आदर्श ने ट्वीट भी किया है.

 बता दें कि फिल्म में जीएसटी से जुड़ा सीन सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है. इसमें फिल्म के हीरो विजय कह रहे हैं, ‘सिंगापुर में 7 प्रतिशत जीएसटी है, फिर भी वहां मुफ्त मेडिकल सुविधाएं हैं. जबकि भारत में दवाइयों पर 12 प्रतिशत जीएसटी है और अल्कोहल पर कोई जीएसटी नहीं है.’ इस सीन में विजय गोरखपुर ट्रेजेडी पर भी बोलते नजर आ रहे हैं. इसी सीन को बीजेपी ने फिल्म से हटाने की मांग की है.

इस वजह से सियासी हलकों में फिल्म को लेकर राजनीति भी काफी गर्मा गई है. हालांक फिल्म के प्रोड्यूसर ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यदि जरूरी होगा, तो हम जीएसटी वाला सीन फिल्म से हटा देंगे.

वैसे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के स्टालिन ने भी इस मामले को लेकर बीजेपी पर हमला बोला है. इस पूरे मसले पर बीजेपी नेता शत्रुघ्न सिन्हा का बयान भी गौर करने लायक है. उन्होंने हाल ही में मीडिया से बातचीत में कहा, ‘कुछ लोग नोटबंदी का सपोर्ट करते हैं, कुछ नहीं करते. कुछ लोग जीएसटी को अच्छा समझते हैं, कुछ नहीं समझते. मगर इसका ये मतलब नहीं कि जो लोग आलोचना कर रहे हैं, वो देश विरोधी हो गए हैं. ‘

 इससे पहले इस मामले में प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया से जुड़े प्रोड्यूसर सिद्धार्थ रॉय कपूर ने मर्सल के निर्माताओं का बचाव करते हुए कहा था, ‘हम सेंसर बोर्ड की सराहना करते हैं, जो अभिव्यक्त‍ि की स्वतंत्रता के मामले में मर्सल के प्रोड्यूसर्स के साथ खड़ा रहा. साथ ही फिल्म के कैरेक्टर द्वारा दी गई अपनी अलग राय को बरकरार रखने की इजाजत दी.

सिद्धार्थ ने कहा, अब हम ऐसे अधिकारियों को नियुक्त किए जाने की उम्मीद करते हैं, जो उन मामलों से निपट सके, जिनमें फिल्म के कंटेंट में बदलाव के लिए निर्माताओं पर दबाव बनाया जाता है. साथ ही सेंसर बोर्ड से सर्टिफाइड फिल्मों को बिना किसी कांट-छांट के रिलीज कराने में मदद करे. रॉय ने कहा, हम ऐसे समय में हैं, जहां कलाकारों का अपने काम के जरिए अलग-अलग राय प्रकट करने के अध‍िकार का समर्थन किया जाता है. इनमें देश के लिए क्या बेहतर है, यह द‍िखाया जाता है.’

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