विज्ञान भवन में किसान संगठनों के 40 प्रतिनिधियो ने कृषि कानूनों के खिलाफ की मोर्चाबंदी

केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली बॉर्डर पर 10वें दिन भी जमे हुए हैं. आज किसानों और सरकार के बीच 5वें दौर की बातचीत चल रही है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल और मंत्री पीयूष गोयल विज्ञान भवन किसानों से बातचीत करने के लिए पहुंचे हैं. विज्ञान भवन में किसान संगठनों के 40 प्रतिनिधि बातचीत के लिए मौजूद हैं. किसान संगठनों के 40 प्रतिनिधियो ने कृषि कानूनों के खिलाफ की मोर्चाबंदी . मीटिंग से पहले नरेंद्र तोमर ने उम्मीद जताई कि मुझे बहुत उम्मीद है कि किसान सकारात्मक सोचेंगे और अपना आंदोलन समाप्त करेंगे. सूत्रों का कहना है कि सरकार कृषि कानूनों में कुछ बदलाव कर सकती है जिसका प्रस्ताव किसानों के समक्ष रखा जाएगा.

इससे पहले, किसानों के मुद्दे पर शनिवार सुबह गृहमंत्री अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे. किसान संगठनों के साथ पांचवें की दौर की बैठक से पहले ये बड़ी मीटिंग हुई. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहे. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी मीटिंग में शामिल होने पहुंचे. इसके बाद पीएम मोदी और अमित शाह की फिर बैठक हुई.

केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि केंद्र के साथ आज की बैठक में किसानों की शंकाओं को दूर किया जाएगा. हाल की बैठकों में, कुछ मुद्दों को स्पष्ट किया गया था. यह विपक्ष की राजनीति है, वे विरोध-प्रदर्शन को और भड़का रहे हैं. बैठक फलदायी होगी और हमें उम्मीद है कि किसान विरोध वापस लेंगे. केंद्र सरकार से बातचीत के लिए किसानों का दल विज्ञान भवन पहुंचा है.

इस बीच, किसान कानूनों पर केंद्र सरकार के साथ पांचवें दौर की बातचीत करने के लिए किसान प्रतिनिधि विज्ञान भवन पहुंचे. दोआबा किसान संघर्ष समिति के हरसुलिंदर सिंह ने कहा कि हम चाहते कि सरकार नए कृषि कानूनों को वापस ले. हम कानूनों में संशोधन के लिए सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे. वहीं आजाद किसान संघर्ष समिति, पंजाब के राज्य प्रमुख हरजिंदर सिंह टांडा ने कहा कि  हम कानूनों का पूरी तरह से रोलबैक चाहते हैं. अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे.

कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “सरकार बार-बार तारीख दे रही है, सभी संगठनों ने एकमत से फैसला लिया है कि आज बातचीत का आखिरी दिन है. किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह ने कहा कि आज आर-पार की लड़ाई करके आएंगे, रोज-रोज बैठक नहीं होगी. आज बैठक में कोई और बात नहीं होगी, कानूनों को रद्द करने के लिए ही बात होगी.

किसान महापंचायत के नेता रामपाल जाट ने कहा कि सरकार को तीन काले कानूनों को वापस लेने की घोषणा करनी चाहिए और उसे लिखित में देना होगा कि एमएसपी जारी रहेगी. अगर आज की वार्ता से कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकलता है, तो राजस्थान के किसान एनएच-8 के साथ दिल्ली की ओर मार्च करेंगे और जंतर मंतर पर डेरा डालेंगे.

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