विक्रमाजीत: द्रोणाचार्य सा शिक्षक शिष्य के साथ करे सद्व्यवहार

 शिक्षा मूल रूप से तभी सम्भव है जब हर शिक्षक गुरु द्रोणाचार्य की तरह बनकर हर छात्र को अर्जुन की तरह देखे। शिक्षक किसी छात्र से भेदभाव न करें और छात्र भी शिष्य अर्जुन की तरह समर्पित भाव से शिक्षा ग्रहण करें, तभी शिक्षा का महत्व होगा। यह बातें प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं फाफामऊ के विधायक विक्रमाजीत मौर्य ने कहीं।

वह गौहनिया स्थित जेपीएस ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन में आयोजित द्रोणाचार्य-अर्जुन सम्मान समारोह में मौजूद बतौर मुख्य अतिथि लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षक एवं छात्र दोनों अपने रास्ते से भटक गए हैं। आज के दौर के अधिकांश शिक्षक द्रोणाचार्य की तरह अपने छात्रों से व्यवहार नहीं करते। इससे छात्रों को भी अच्छे संस्कार नहीं मिल पा रहे हैं। विधायक ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों को बढ़ावा देना चाहिए, जिससे शिक्षकों और छात्रों को सीख मिले। विशिष्ट अतिथि बारा विधायक डॉ. अजय कुमार ने कहा कि द्रोणाचार्य और अर्जुन जैसे गुरु-शिष्य की चर्चा तभी सफल मानी जाएगी जब गुरु वशिष्ठ व श्रीराम के संस्कार व शिक्षा की बात भी की जाए। सम्मान पाकर दर्जनों कॉलेजों से आए विद्यार्थियों के चेहरे खिल उठे।

इसके पूर्व कार्यक्रम का आरम्भ मां सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। सरस्वती वंदना के बाद अतिथियों का स्वागत गीत से छात्रों ने अभिनंदन किया। मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम ने लोगों को प्रभावित किया। अतिथियों का आभार पूर्व महापौर एवं जेपीएस ग्रुप आफ इस्टीटयूशन के चेयरमैन डॉ. केपी श्रीवास्तव ने किया।

कार्यक्रम मे मौजूद भाजपा जिला अध्यक्ष शिवदत्त पटेल, कमलेश त्रिपाठी, रामानंद त्रिपाठी, राजा बाबू पाठक, विमल कुशवाहा, सुनील जायसवाल, अनिल विश्वकर्मा, आलोक त्रिपाठी, श्यामा कांत मिश्रा, भूपेन्द्र पाठक, बच्चा मालवीय, अशोक तिवारी, सुधाकर ¨सह, अíपत श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com