कानपुर के बिकरू काण्ड में दुर्दान्त विकास दुबे का एक और साथी मंगलवार को चित्रकूट से गिरफ्तार कर लिया गया। बिकरू गांव निवासी नामजद 50 हजार का इनामी बालगोविंद दुबे चित्रकूट के कामतानाथ मन्दिर के पास से पकड़ा गया। पहचान छुपाने के लिए साधु का वेष धर धारण किया था भगवा चोला। पुलिस पकड़ कर चौबेपुर थाने लाई और सीएचसी में उसका मेडिकल कराया गया।
आपको बता दें कि बिकरू गांव में तीन जुलाई की आधी रात को दबिश देने गए डीएसपी देवेंद्र मिश्रा सहित आठ पुलिसकर्मियों पर हमला बोलकर विकास दुबे ने उन्हें शहीद कर दिया। इसके बाद वह फरार हो गया था। यूपी सरकार ने उस पर पांच लाख का इनाम घोषित किया था। उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ़्तारी के बाद यूपी ले आते वक्त 10 जुलाई को कानपुर में वह पुलिस के हाथों एनकाउंटर में मारा गया।
वहीं विकास के सहयोगियों के शस्त्र लाइसेंस की जांच जारी है। गांव के सभी शस्त्र लाइसेंसी फरार हैं, जो पकड़े गए उनके शस्त्र नहीं मिल रहे हैं। सोमवार को शस्त्रधारकों के परिजनों को पुलिस ने डीएम का नोटिस रिसीव करा दिया। इसमें मंगलवार को डीएम कोर्ट में जवाब देना है। बिकरू की घटना में नामजद विकास दुबे के भांजे शिवम तिवारी के नाम से रायफल व पिस्टल का लाइसेंस है।
पुलिस ने शिवली पहुंचकर पिता दिनेश तिवारी को नोटिस रिसीव कराई। गिरफ्तार किए गए रामसिंह की दोनाली बन्दूक का पता नहीं चला है। उसके परिवार के बाबूसिंह के नाम रायफल व सुरजन के नाम पिस्टल है। यह सभी फरार हैं। कजंती के अखिलेश की रायफल है। अखिलेश भी फरार है। मुठभेड़ में पकड़े गए दया शंकर अग्निहोत्री की बन्दूक अभी तक नहीं मिली है।
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