लोहिया संस्थान में इंटेलिजेंस का छापा, दस्तावेज तलब, टैक्स चोरी का शक

लखनऊ। चोरी के शक में डायरेक्टर जनरल ऑफ सेंट्रल एक्साइज इंटेलिजेंस (डीजीसीआईएस) के अफसरों ने लोहिया संस्थान में केशव सिक्योरिटी के दफ्तर में भी छापेमारी की थी। डीजीसीआईएस के अफसर लगातार तीन दिन से सिक्योरिटी एजेंसी के दफ्तर में जा रहे थे। इसकी भनक लगते ही एजेंसी के कर्मचारी फरार हो गए। थकहार कर टीम ने संस्थान के निदेशक से संपर्क किया।

lohaiइसके बाद एजेंसी के कर्मचारियों को बुलाया गया। टीम ने एजेंसी से तीन साल के वेतन भुगतान संबंधी दस्तावेज तलब किए हैं।लोहिया संस्थान में केशव सिक्योरिटी के जरिए संविदा पर कर्मचारियों की तैनाती है। करीब 700 कर्मचारी संविदा पर काम कर रहे हैं। डीजीसीआईएस के अफसरों ने कर चोरी की आशंका में लोहिया संस्थान में बीते मंगलवार से सर्वे कर रही है।

छापे की सूचना मिलते ही सिक्योरिटी एजेंसी के कर्मचारी गायब हो गए है। आखिर में अफसरों ने लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. दीपक मालवीय से संपर्क किया। निदेशक ने एजेंसी के जिम्मेदार अधिकारियों को तलब किया। करीब तीन घंटे इंतजार कराने के बाद सिक्योरिटी एजेंसी के अफसर मौके पर आए। इनसे तीन साल के वेतन संबंधी दस्तावेज मांगे हैं। इस मामले में टीम के लोगों ने कुछ लोगों से पूछताछ भी की है।

तैनाती और वेतन कटौती में फर्जीवाड़ा

कर चोरी के लपेटे में आए अपना ग्रुप कंसल्टेंसी ने लोहिया अस्पताल में संविदा कर्मचारियों की तैनाती में भी फर्जीवाड़ा किया है। नोटबंदी के बाद दो महीने का वेतन पुराने नोटों से दे दिया था। आरोप हैं कि कंपनी वेतन से पीएफ समेत दूसरी मदों में कटौती तो कर रही है लेकिन उसका ब्योरा नहीं दे रही है। इससे कर्मचारी परेशान हैं।

 शनिवार को अपना टेक कंसलटेंसी कंपनी के ठिकानों पर डीजीसीआईएस ने छापा मारा था। जहां पर टैक्स चोरी की शिकायत सही पाई गई थी। कंपनी लोहिया अस्पताल में ठेके पर कर्मचारियों की तैनाती करती है। इस समय लोहिया अस्पताल में करीब 300 संविदा पर कर्मचारी हैं। आरोप हैं कि बीते महीने कंपनी ने कर्मचारियों को दो माह की तनख्वाह बांट दी। पुरानी नोट की एडवांस तनख्वाह देख कर्मचारी भड़क उठे। 10 फीसद कर्मचारियों ने एडवांस पुरानी नोट से तनख्वाह लेने से इनकार कर दिया।

कर्मचारियों का आरोप है कि हर महीने खाते में तनख्वाह दी जा रही थी। नवम्बर और दिसम्बर की तनख्वाह नगद दी गई। कर्मचारियों का कहना है कि संस्था पीएफ के नाम पर हर महीने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वेतन से करीब 12 सौ रुपए की कटौती कर रही है। वहीं तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के वेतन से लगभग 1800 रुपए काटे जा रहे हैं। ईएसआई के नाम पर भी डेढ़ से दो सौ रुपए की कटौती हो रही है। पर, तमाम कर्मचारियों को पीएफ खाता नहीं बताया गया। कर्मचारियों ने पीएफ कटौती के नाम पर फर्जीवाड़े की आशंका जाहिर की है। संस्था के पास लखनऊ में ही लोकबंधु राजनारायण अस्पताल में कर्मचारियों की तैनाती का जिम्मा है। ठेका कर्मचारियों को वेतन कागजों पर कुछ, और दिया कुछ जा रहा है। इससे कर्मचारियों में खासी नाराजगी है।

इस बावत कर्मचारियों ने अस्पताल के अफसरों से शिकायत भी की। कई अस्पतालों में हो रहा शोषणलोहिया व लोकबंधु ही नहीं अन्य सरकारी अस्पतालों में ठेके पर तैनात कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। इनमें पीजीआई, रानी लक्ष्मीबाई समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में निजी कंपनियों की ओर से डाटा इंट्री ऑपरेटर, कम्प्यूटर ऑपरेटर, सफाई कर्मचारी समेत अन्य पदों पर संविदा पर कर्मचारी काम कर रहे हैं। कर्मचारियों ने बताया कि लंबे समय से लोगों को महज छह से 10 हजार रुपए के बीच ही वेतन दिया जाता है। लोहिया के सीएमएस डॉ. ओंकार यादव ने बताया कि कर्मचारियों को पुराने नोट से नगद तनख्वाह बांटी गई। इसकी कोई शिकायत नहीं मिली है। हालांकि इसकी जांच कराई जाएगी।

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