लोकसभा में मेघवाल ने दी जानकारी, जल्द आएंगे प्लास्टिक के नोट

09_12_2016-meghwalनई दिल्ली, पीटीआई। नोटबंदी की अचानक घोषणा से सबको चौंकाने वाली मोदी सरकार आठ नवंबर के बाद से लगभग रोज कोई न कोई बड़ी घोषणा कर रही है। ताजा कड़ी में वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अब प्लास्टिक या पॉलिमर सब्सट्रेट आधारित बैंक नोट छापे जाएंगे। इसके लिए आवश्यक कच्चे माल की खरीद शुरू कर दी गई है। शुक्रवार को संसद में बताया गया कि सरकार ने प्लास्टिक करेंसी नोट छापने का निर्णय लिया है और इसके लिए आवश्यक कच्चे माल की खरीद शुरू कर दी गई है। उनसे पूछा गया था कि क्या आरबीआई की तरफ से कागज के नोटों की जगह प्लास्टिक नोट लाने का कोई प्रस्ताव है? दरअसल, रिजर्व बैंक फील्ड ट्रायल के बाद लंबे समय से प्लास्टिक करंसी नोट लाने पर विचार कर रहा है। फरवरी 2014 में सरकार ने संसद को बताया था कि फील्ड ट्रायल के तौर पर भौगोलिक और जलवायु विभिन्नताओं के आधार पर चयनित पांच शहरों में 10-10 रुपये के एक अरब प्लास्टिक नोट उतारे जाएंगे। इसके लिए कोची, मैसूर, जयपुर, शिमला और भुवनेश्वर का चयन किया गया था। प्लास्टिक नोट औसतन पांच सालों तक सुरक्षित रहते हैं और इसका नकल करना भी कठिन होता है। इसके अलावा, ये कागज के नोटों की तुलना में ज्यादा साफ-सुथरे दिखते हैं। सबसे पहले ऑस्ट्रेया ने नोटों को नकल से सुरक्षित रखने के लिए प्लास्टिक नोट शुरू किया था। एक और सवाल के जवाब में मेघवाल ने कहा कि आरबीआई ने 2015 में बताया था कि उसे 1,000 रुपये के कुछ बैंक नोट मिले जिनमें सिक्यॉरिटी थ्रेड नहीं थे। ये नोट करंसी नोट प्रेस (सीएनपी), नासिक में छपे थे जिनके लिए पेपर सिक्यॉरिटी पेपर मिल (एसपीएम) से आया था। सिक्यॉरिटी प्रिंटिंग ऐंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन (एसपीएमसीआईएल) के साथ-साथ एसपीएम और सीएनपी की ओर से इसकी जांच चल रही है। 

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