लोकसभा चुनाव से पहले बीजपी ने तैयारियां शुरू कर दीं हैं। भाजपा के अंदर हलचल बढ़ गई है। भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड में जल्द ही अपने सांगठनिक ढांचे में फेरबदल कर सकती है। इसके तहत प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम समेत कई पदाधिकारियों की जिम्मेदारियों में बदलाव किए जा सकते हैं। गौतम को जहां किसी बड़े राज्य या कोई महत्वपूर्ण दायित्व सौंपे जाने की चर्चा है।
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वहीं, उत्तराखंड के कुछ नेताओं को भी राष्ट्रीय नेतृत्व में जगह मिलने की संभावना जताई जा रही है। भाजपा हाईकमान ने सात जुलाई से महाजनसंपर्क अभियान की समीक्षा के लिए दिल्ली में अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में केंद्रीय नेतृत्व की ओर से कुछ पदाधिकारियों और प्रदेश प्रभारियों के बदले जाने की चर्चाएं चल रही हैं।
इस क्रम में उत्तराखंड प्रभारी गौतम को भी बदला जा सकता है। दरअसल अक्तूबर,2020 में श्याम जाजू के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम को उत्तराखंड के प्रभारी की जिम्मेदारी मिली थी। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उनके नेतृत्व में पूर्ण बहुमत के साथ दोबारा सत्ता हासिल की। इसके चलते गौतम को किसी बड़े राज्य की जिम्मेदारी दिए जाने या अहम दायित्व सौंपे जाने की चर्चा है।
वहीं, उत्तराखंड में कई ऐसे वरिष्ठ नेता हैं, जिनके पास राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर जिम्मेदारी हैं। ऐसे नेताओं को आगे लाकर संगठन उनके अनुभव का लाभ ले सकता है। उत्तराखंड में अभी पूर्व सीएम विजय बहुगुणा वर्ष 2016 में भाजपा में शामिल होने के बाद बिना किसी जिम्मेदारी के हैं।
इसी तरह पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत मार्च, 21 के बाद से खाली हैं। हालांकि त्रिवेंद्र लोकसभा चुनाव में दावेदारी कर रहे हैं। ऐसे में अगर उन्हें चुनाव लड़ाया जाता है तो फिर टिकट कटने वाले नेता को भी संगठन में फिट किया जा सकता है। इसके उलट अगर त्रिवेंद्र लोकसभा चुनाव के टिकट से चूके तो उन्हें संगठन या किसी ऐसे प्रदेश में प्रभारी की अहम जिम्मेदारी मिल सकती है।
जहां निकट भविष्य में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। इसके साथ ही विधायक मदन कौशिक, बंशीधर भगत और अरविंद पांडे को भी केंद्रीय नेतृत्व में स्थान दिए जाने की भी चर्चाएं चल रही हैं।