योग गुरु बाबा रामदेव : इंसान के शरीर में कई छोटे -मोटे बदलाव आते रहते हैं। उनकी मॉनिटरिंग करना बेहद ज़रूरी है। कई बार ये बदलाव किसी ख़तरनाक बीमारी की ओर भी संकेत देते है। जिन्हें समय रहते ध्यान नहीं दिया तो जिंदगी खतरे में पड़ सकती है। ऐसी ही एक बीमारी है ‘लिपोमा’। इसे लिपोमा नाम से भी जाना जाता है।
लिपोमा एक स्किन कंडीशन है। इसमें स्किन के अंदर गांठ बन जाती है। ऐसा लगता है जैसे स्किन की ऊपरी परत के नीचे छोटी सी गेंद हो। मसल और स्किन के बीच में फैट सेल्स ग्रो होने लगते हैं। लिपोमा स्किन में होने सबसे कॉमन ट्यूमर है। शरीर में होने वाली गांठें छोटे-बड़े दोनों साइज़ की हो सकती हैं। यह रोग महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को होती है।
लिपोमा को लेकर घबराइए नहीं।आपको बता दें, शरीर में बनने वाले सारे गांठ कैंसर में तब्दील नहीं होते। न इनमें दर्द होता है और न ही ये फैलते हैं। हालांकि कई बार,गांठ कैंसर भी हो जाते हैं, लेकिन ऐसा सिर्फ 1 प्रतिशत होने के चांसेस होते हैं।
शरीर में गांठ होने की वजह क्या है तो इसकी एक वजह जेनेटिक हो सकती है। अगर परिवार में लिपोमा की हिस्ट्री रही है, तो परिवार के दूसरे लोगों को होने के चांसेस रहते है वहीं कई बार मेटाबॉलिक रीजन से भी गांठें बनती हैं। स्वामी रामदेव से जानिए कैसे पाए इस समस्या से छुटकारा।
- एक वजह जेनेटिक हो सकती है
- मेटाबॉलिक रीजन से भी गांठें बनती हैं
- कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज़ भी गांठ की वजह
- गर्दन, चेहरे, पीठ कहीं भी गांठ संभव
- कई बार गांठें अंदरूनी भी होती हैं
स्वामी रामदेव के अनुसार शरीर की बाहर की गांठों को तो आप आसानी से देख सकते हैं लेकिन शरीर के अंदर किडनी, फेफड़े, पेट आदि में पड़ी गांठो के लिए अलग-अलग टेस्ट होते है। जिसमें एक्स रे, एमआईआर, अल्ट्रासाउंड जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।
- डिप्रेशन दूर करता है
- एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक
- वजन बढ़ाने में मददगार योगासन
- शरीर को डिटॉक्स करता है
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
- पाचन तंत्र बेहतर होता है
- शरीर को ऊर्जा मिलती है
- फेफड़ों तक पहुंचती है ज्यादा ऑक्सीजन