बिहार में महागठबंधन में पड़ी दरार दिनों दिन बढ़ती जा रही है. इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने झगड़े को सुलझाने और महागठबंधन को बचाए रखने का नया फॉर्मूला खोजा है.
क्या है लालू यादव का फॉर्मूला?
नीतीश जहां तेजस्वी के इस्तीफे पर अड़े हैं वहीं खबर है कि लालू यादव तेजस्वी से इस्तीफा देने को कह सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक अगर ऐसा होता है तो आरजेडी के सभी विधायक भी इस्तीफ दे देंगे लेकिन सरकार को बाहर से समर्थन जारी रहेगा. लालू यादव की ओरे से महागठबंधन से रिश्ता नहीं तोड़ने की कोशिश होगी. इस पूरे मसले पर फैसला राष्ट्रपति चुनाव के बाद होगा.
आज फैसला ले सकते हैं नीतीश कुमार
नीतीश कुमार ने आज जेडीयू विधायक दल की बैठक बुलाई है. वैसे तो ये बैठक कल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर है लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश इस बैठक में तेजस्वी पर भी फैसला ले सकते हैं.
कल खत्म हो चुका है नीतीश का अल्टीमेटम
दरअसल मंगलवार को जेडीयू की ओर से तेजस्वी पर फैसला लेने के लिए आरजेडी को 4 दिन का अल्टीमेटम दिया गया था. ये अल्टीमेटम कल ही खत्म हो गया लेकिन आरजेडी ने तेजस्वी पर न तो सार्वजनिक सफाई दी और न ही उनसे इस्तीफा लिया. उल्टा लालू यादव तेजस्वी के इस्तीफा नहीं देने पर अड़ गए, जबकि सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार हर हाल में तेजस्वी का इस्तीफा चाहते हैं.
अब रेफरी की भूमिका में कांग्रेस
सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार ने ये बात कांग्रेस को भी बता दी है कि तेजस्वी या तो इस्तीफा दें या फिर बर्खास्त हों. यानी कांग्रेस अब रेफरी की भूमिका में है और कांग्रेस के कंधों पर महागठबंधन को बचाने की जिम्मेदारी आ गई है. कल रात दिल्ली में जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिले. महागठबंधन को बचाए रखने के लिए दोनों के बीच 40 मिनट तक चर्चा हुई. माना जा रहा है कि कांग्रेस लालू यादव को तेजस्वी यादव के इस्तीफे के लिए मनाएगी. तेजस्वी से इस्तीफा लेने के पहले कांग्रेस नीतीश से भी ये आश्वासन चाहती है कि वो गठबंधन छोड़कर न जाएं.
दसवीं पास कैंडिडेट के लिए यहाँ पर निकली है सबसे ज्यादा वैकेंसी, करे आवेदन
लालू-नीतीश के बीच बातचीत बंद
तेजस्वी यादव मामले की वजह से जेडीयू और आरजेडी के बीच दूरियां कई गुना बढ़ चुकी है. सूत्रों के मुताबिक लालू और नीतीश कुमार के बीच सीधी बातचीत भी बंद है. कल एक सरकारी कार्यक्रम में तेजस्वी यादव को नीतीश कुमार के साथ मंच साझा करना था लेकिन तेजस्वी नहीं पहुंचे.
क्यों पड़ी महागठबंधन में दरार?
महागठबंधन में दरार की बड़ी वजह है लालू यादव और उनके पूरे परिवार पर लगा भ्रष्टाचार का आरोप है. 7 जुलाई को लालू यादव के 12 ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की थी. लालू, राबड़ी, तेजस्वी समेत 8 लोगों पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया. मामला रेलवे के टेंडर घोटाले से जुड़ा हुआ है. चूंकि तेजस्वी यादव नीतीश सरकार में मंत्री हैं और उनके खिलाफ भी FIR हुई है, इसलिए इस्तीफा मांगा जा रहा है.
…ऐसा हुआ तो टूट सकता है महागठबंधन!
जेडीयू नीतीश कुमार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस वाली छवि पर कायम है तो आरजेडी सभी आरोपों को राजनीति से प्रेरित बता रही है. कुल मिलाकर महागठबंधन की गांठ धीरे-धीरे कर इतनी ज्यादा खिंच गई है कि अगर तनाव और बढ़ा तो ये टूट भी सकती है.