सिविल लाइन स्थित एमजी हॉस्टल की दूसरी मंजिल पर रहने वाली बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा 20 वर्षीय इशिता मिश्र ने फांसी लगाकर जान दे दी। वह मूलरूप से लखीमपुर खीरी की रहने वाली थी। पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमे उसने माता पिता से माफी मांगी है। घटना से पूर्व उसकी किसी दोस्त से फोन पर बात भी हुई थी। बताया जा रहा है कि वह पढ़ाई को लेकर डिप्रेशन में थी।
तीन फरवरी को ही आई थी हॉस्टल में रहने
लखीमपुर खीरी की शांतिनगर कॉलोनी निवासी जनरल मर्चेन्ट कारोबारी ब्रजेश मिश्र की बेटी इशिता दयानंद गल्र्स कॉलेज से बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। इसके साथ ही वह यूनिवर्सिटी में खो खो टीम की कप्तान थी। हॉस्टल की बालिका शिक्षण समिति के सदस्य रजत मिश्रा ने बताया कि पहले इशिता परमट में ही कहीं किराए पर रहती थी। उसने तीन फरवरी को ही हॉस्टल में कमरा लिया था। रविवार देर रात खाना खाने के बाद वह पड़ोसी छात्रा से बात कर रही थी। इसके बाद शुभम नाम के किसी दोस्त का फोन आने पर उससे बात करने लगी और कमरा अंदर से बंद कर लिया।
सुसाइड नोट में छात्रा ने किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया
देर रात शुभम ने पड़ोसी छात्रा को फोन करके इशिता को देखने और बात करने के लिए कहा। पड़ोसी छात्रा पहुंची तो इशिता ने गेट नहीं खोला, इस पर उसने वार्डन को सूचना दी। वार्डन ने आकर रोशनदान से देखा तो शव फंदे से लटका हुआ था। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। थाना प्रभारी सनजीवकान्त मिश्र ने बताया कि सुसाइड नोट में छात्रा ने किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है। छात्रा की मां निशा शिक्षिका हैं और भाई कक्षा 11 में नवोदय विद्यालय में पढ़ता है।