लखनऊ विश्वविद्यालय में एक बड़ी जालसाजी उजागर हुई है। जिसमें लविवि प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आई है। विश्वविद्यालय के एकआउंट से लगभग एक करोड़ रुपये की रकम निकाल ली गई, लेकिन प्रशासन को कानों कान खबर तक नहीं हुई। शुक्रवार को इसकी सूचना खुद लविवि प्रशासन ने प्रेस वार्ता करके दी। वहीं मामला हसनगंज थाने में दर्ज कराया गया है। खास बात ये है कि पैसे निकालने में पुरानी चेक की क्लोनिंग की गई।
11 फर्मों के नाम से हुआ भुगतान
लविवि के कुलपति एसपी सिंह ने बताया कि लविवि के एकाउंट से अप्रैल 2018 से एक मई 2019 के बीच 11 चेक से के जरिये से 1,0982935 रुपये खाते से निकाले गए। निकाले गए। इन चेक के माध्यम से 11 अलग अलग फर्मों को भुगतान किया गया। मामला उजागर होने पर इसकी रिपोर्ट लविवि प्रशासन ने हसनगंज थाने में दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
वर्ष 2000 की चेक हुई क्लोनिंग
कुलपति ने जानकारी दी कि भुगतान करने में वर्ष 2000 की चेक जो पहले इश्यू हो चुकी थी उनका इस्तेमाल किया गया। पुलिस के मुताबिक जालसाजों ने चेक की क्लोनिंग कर वारदात को अंजाम दिया।
इन बैंकों से निकाले गए रुपये
विवि और बैंक की साठगांठ से हुई जालसाजी