नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में पिछले हफ्ते लखनऊ में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है. पुलिस ने हिंसा के बाद अब आरोपियों की धरपकड़ के लिए छापेमारी शुरू कर दी है. लोग अपने घरों पर ताले लगाकर गायब हो गए हैं. साथ ही आरोपियों के घरों पर पुलिस रिकवरी नोटिस भेज रही है.
पुलिस की ओर से अब तक करीब 100 लोगों को रिकवरी नोटिस भेजा गया है. हालांकि लोगों ने पुलिसिया कार्रवाई पर खासा रोष जताया.
पुलिस ने गायब हुए लोगों के घरों पर रेड डाली थी. आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस लगातार रेड डाल रही है.
इससे पहले लखनऊ प्रशासन ने हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर उन्हें नोटिस भेजना शुरू कर दिया है. अभी तक 82 लोगों को नोटिस भेजा जा चुका है. इन सभी लोगों को अदालत में हाजिर होकर यह बताना होगा कि आखिर हिंसा में पहचाने जाने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए.
प्रशासन की ओर से यह नोटिस लखनऊ में हुए नुकसान की भरपाई के लिए भेजा जा रहा है. नोटिस उन लोगों को भेजा गया है जिनको इस घटना के दौरान नुकसान हुई संपत्ति का जिम्मेदार माना गया है.
फोटो और वीडियो में पहचान के बाद नुकसान के लिए जो लोग जिम्मेदार माने गए हैं उनसे जिला प्रशासन ने नोटिस भेजकर भरपाई के लिए पूछा है. आरोपी लोगों को नोटिस का जवाब देने के लिए एक महीने का समय दिया गया है. जवाब न देने पर आरोपियों से जिला प्रशासन वसूली शुरू करेगा. वसूली नहीं होने पर कुर्की का आदेश जारी किया जाएगा.