लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्टाफ नर्सों को बड़ी सौगात दी है। 1 हजार 354 स्टाफ नर्सों को नियुक्ति पत्र बांटे, इन सभी नर्सों का चयन यूपी लोकसेवा आयोग से हुआ है। 90 फीसदी महिलाएं हैं, जबकि 10 फीसदी पुरुष। इस दौरान सीएम योगी ने नवनियुक्त नर्सों को बधाई भी दी। और उज्जवल भविष्य की कामना की। साीएम योगी ने कहा कि पारदर्शी तरीके से ये पूरी प्रक्रिया संपन्न हुई है। यूपी में स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा सुधार हुआ है। स्थानीय स्तर पर उपचार की व्यवस्था की गई है। अस्पताल में भीड़ को कम करने के लिए हर स्तर पर स्क्रीनिंग की जरुरत है। उपचार से अहम बचाव है ।
संचारी रोगों से जागरुकता के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। पूरे देश में यूपी के कोरोना मॉडल की जमकर तारीफ हुई। इंसेफ्लाइटिस से पहले प्रदेश में हजारों मौतें होती थीं, लेकिन अब 99 फीसदी तक इन मौतों पर लगाम लग गई है। पहले यूपी की गिनती बीमारु राज्य में होती थी, लेकिन अब यूपी देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में 5 लाख लोगों को नौकरी दी गई है। प्रदेश का युवा अब पलायन नहीं करता है। प्रदेश अच्छी दिशा की ओर अग्रसर है। नौजवानों की ऊर्जा का लाभ यूपी को मिल रहा है। विपक्ष पर निशाना साधते हुए सीएम योगी ने कहा कि पिछली सरकार के वक्त एएनएम सेंटर बंद हो गए थे, अब दोबारा खोले जा रहे हैं। स्टाफ नर्सों को नियुक्ति पत्र वितरण का कार्यक्रम लोकभवन के सभागार में संपन्न हुआ, जिसमें सीएम योगी के अलावा डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक राज्य मंत्री चिकित्सा शिक्षा मयंकेश्वर शरण सिंह भी मौजूद रहे
आपको बता दें एनएनएम की विभिन्न योजनाओं के तहत प्रदेश में 4,699 स्टाफ नर्स संविदा पर तैनात हैं। एक से लेकर पांच वर्ष से अधिक अवधि से सेवाएं दे रही हैं। इन्हें 29,374 रुपये से लेकर 20,013 रुपये प्रतिमाह मानदेय प्रदान किया जा रहा है। इनमें से 1047 स्टाफ नर्स के एक वर्ष के भीतर नौकरी ज्वाइन की है। नई गाइडलाइन के तहत एक वर्ष के भीतर नौकरी ज्वाइन करने वाली स्टाफ नर्स को पांच फीसदी बढ़े वेतन का लाभ नहीं प्रदान किया जायेगा। जबकि इससे पूर्व में तैनात स्टाफ नर्स के मानदेय में पांच फीसदी का इजाफा किया गया है।