राजधानी पुलिस महिला अपराध रोकने के तमाम दावे करती है, लेकिन पीड़ितों की एफ एफआइआर दर्ज करने में आनाकानी से बाज नहीं आती। देश भर में तीसरा स्थान पाने वाली गुडंबा पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता को एक माह तक टरकाया। पीड़िता ने उच्चाधिकारियों से भी शिकायत की, लेकिन तत्काल सुनवाई नहीं हुई। एक माह बाद पुलिस ने दो नामजद और अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है।

पुलिस के मुताबिक, दो नामजद आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गुडंबा क्षेत्र निवासी 11वीं की छात्रा का आरोप है कि 23 अगस्त को विपिन सिंह ने नौकरी के नाम पर उसे अपने घर बुलाया था। युवती अपने शैक्षिक प्रमाण पत्र लेकर आरोपित के घर पहुंची थी। आरोप है कि विपिन के घर में शकील व तीन-चार अन्य युवक पहले से मौजूद थे।
आरोपितों ने युवती से सादे कागज पर हस्ताक्षर करवाए। इसके बाद उसे एक मकान में बंधक बना लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता का आरोप है कि एक सप्ताह बाद आरोपित उसे छोड़कर भाग निकले। परिवारजन के साथ पीड़िता गढ़ी चौकी पर शिकायत की तो दारोगा ने टरका दिया। इस बीच आरोपित विपिन पीड़िता के घर पहुंचा और उसकी बहनों के साथ अभद्रता व छेड़छाड़ की। तीन सितंबर को पीड़िता ने गुडंबा थाने में शिकायत की, लेकिन वहां भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।
पीड़िता का कहना है कि उसने डीसीपी उत्तरी, एडीसीपी और एसीपी गाजीपुर समेत महिला आयोग व अन्य अधिकारियों से भी शिकायत की थी। हाल में सूबे में दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर शासन की सख्ती को देखते हुए गुडंबा पुलिस ने आननफानन एफआइआर दर्ज कर गुरुवार को विपिन और शकील को दबोच लिया।
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