राजधानी में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को 507 लोग संक्रमण की चपेट में आ गए। वहीं पांच लोगों की कोरोना ने जान ले ली। अब तक 120 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो चुकी है। सोमवार को 169 लोगों ने कोरोना को शिकस्त दी। अच्छी बात यह है कि कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। डिस्चार्ज हुए मरीजों का इलाज केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया संस्थान, लोक बंधु, राम सागर मिश्रा समेत दूसरे अस्पतालों में इलाज चल रहा था। कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। सभी मरीज रक्षाबंधन पर्व पर डिस्चार्ज होने से बेहद खुश थे। सीएमओ डॉक्टर आरपी सिंह ने बताया कि ठीक हो चुके मरीजों को घर में 14 दिन एकांत में रहने की सलाह दी गई है।
वहीं संक्रमित मिले मरीज इंदिरा नगर, गोमती नगर, जानकीपुरम, आलमबाग, विकास नगर,चौक आदि इलाकों के हैं। स्वास्थ्य महकमें द्वारा लोगों को लगातार मास्क पहनने व शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। खास बात यह है संक्रमण शहर के लगभग हर हिस्से में पहुंच चुका है। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि लोग सावधानी बरतें क्योंकि लापरवाही उन्हें संक्रमण की जद में ला सकती है।
लोकबंधु अस्पताल में भर्ती मरीजों ने मनाया रक्षाबंधन पर्व
कोरोना के चलते अस्पताल में भर्ती मरीज रक्षाबंधन पर भले ही अपनों से दूर रहे। मगर इस त्योहार की खुशी को कोविड हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों ने आपस में मनाई। रक्षाबंधन के मौके पर सोमवार को लोकबंधु राजनारायण कोविड अस्पताल में भर्ती मरीजों ने अस्पताल की निदेशक डॉ. मधु सक्सेना व सीएमएस डॉ. अमिता यादव के नेतृत्व में कोविड वार्ड में भर्ती बेटियों ने पुरुष मरीजों की कलाई में न राखी बांधी।
इस बाबत निदेशक डॉ. मधु सक्सेना ने बताया कि बहुत से मरीज कोरोना के चलते अपने परिवार से दूर हैं, इसलिए उनको इस त्योहार पर अपने भाई-बहन की कमी न महसूस हो इसलिए वार्ड में भर्ती बेटियों से पुरुष मरीजों को राखी बंधवाई गई। इतना ही नहीं बहनों ने कोरोना को मात देकर शीघ्र स्वस्थ होने का आशीष भी अपने भाइयों को दिया। वास्तव में अस्पताल और मरीजों के लिए यह पर्व एक यादगार बन गया।