लखनऊ। लखनऊ के एक परिवार जो संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में 2005 से निवास कर रहा है, जिनकी छोटी बच्ची जयनी सिंह समस्त अमेरिकी स्कूलों में से विश्व के अत्यंत ताकतवर देश के राष्ट्रपति बराक ओबामा से उत्कृष्ट शिक्षा अवार्ड-2016 का खिताब ग्रहण कर भारत का नाम रोशन किया है। जयनी, श्रीमती निधि सिंह व राहुल सिंह की पुत्री है, जिसका जन्म वर्ष 2005 में लखनऊ में हुआ था। वर्तमान में उसकी दादी सत्यावती सिंह, जे-31 साउथ सिटी, लखनऊ की निवासी हैं और अपनी पोती के इस अप्रत्यासित व सराहनीय प्रतिभा से खुशी से ओतप्रोत हैं। जयनी के बड़े भाई-बहन ट्विन हैं जो एक साल बड़े हैं, वे भी अत्यन्त प्रतिभाशाली हैं और सभी तीनों कक्षा-6 के विद्यार्थी हैं और 95 प्रतिशत से अधिक मार्क्स प्राप्त करते रहते हैं।
दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्टपति बराक ओबामा ने उत्कृष्ट शिक्षा अवार्ड-2016 से किया सम्मानित
राहुल व निधि सिंह अमेरिका के हॉस्टन, टेक्सास में, वर्ष 2005 से एन0आर0आई0 के रूप में रह रहे हैं। राहुल सिंह, कानपुर से केमिकल इंजीनियरिंग में 1998 में बी0टेक तथा निधि बी0एस0सी0 (आई0टी0) व यम0सी0ए0 2003 में ग्रहण किया। बीटेक करने के बाद राहुल पेरिस चले गये। शादी के उपरान्त पेरिस से अमेरिका आ गए। राहुल रिफाइनरी के डिजाईन में 2- पेटेंट अमेरिका से करा चुके हैं। फ्रांस में कार्य के दौरान गर्वमेंट से अवार्ड भी प्राप्त कर चुके हैं।
राहुल व निधि सिंह अपने बच्ची के इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं। अभी कुछ दिनों पहले भारतवर्ष आये थे और अब वह ‘आबू-धाबी’ जहां उनकी दो-वर्षों के लिए तैनाती है, वापस चले गए। लखनऊ प्रवास के दौरान वह सभी बच्चे ‘स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज, लखनऊ’ में सीवी रमण सेंटर में इनोवेशन व प्रोजेक्ट देखने गए थे, जहाँ विजिटर किताब में अनोखा सन्देश अंकित कर अपनी प्रतिभा का परिचय देते हुए, बड़े-बड़ों को अपनी सोच से मात दे दिया है।
बता दें कि ये बच्चे और कोई नहीं, वरिष्ठ पर्यावरणविद व वैज्ञानिक जो हवा से चलने वाली बाईक (एयर-ओ-बाइक) के जनक हैं, डाक्टर भरत राज सिंह के पौत्र-पौत्री हैं तथा जिनका 10-12 स्टैण्डर्ड में अमेरिका पाठयक्रम में पर्यावरण का चैप्टर सम्मिलित किया गया है और जिन्हें दो बार लिम्का बुक अवार्ड-2014 व 2015 में प्राप्त हो चुका है। डाक्टर भरत राज सिंह अपने इन सभी बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना के साथ-साथ उन्हें विश्व में अच्छे नागरिक बनने की निरंतर नसीहत देते हैं। उनकी सबसे छोटी पौत्री जयनी, जो नाना-नानी की सबसे प्रिय है, ने विश्व में भारत का नाम रोशन किया, इससे वह संतुष्टी महसूस करते हैं। अवार्ड व राष्ट्रपति के पत्र भी मिले हैं।