मंडप रोशनी से जगमगा रहा था। लड़का और लड़की पक्ष के मेहमान भी सज-धजकर विवाह समारोह में शरीक होने और भावी युगल को आशीर्वाद देने पहुंचे थे।
मुहूर्त की शुभ घड़ी करीब आने पर सभी की नजरें बरात के स्वागत पर लगी थीं। तभी स्वागत द्वार पर एकसाथ दो-दो बरात पहुंचीं। दूल्हे के साथ ही दुल्हन भी बरात लेकर आई। गुरुवार को नई रवायत के इस विवाह समारोह का मेजबान बना बाबूगंज का रामाधीन सिंह उत्सव लॉन।
अब तक शादी समारोह में दूल्हे को ही बरात लेकर दुल्हन ने आते देखा होगा। गुरुवार को इस परंपरा से इतर अलग परंपरा नजर आई। दुल्हन बनी डालीगंज की रचना भी बरात के साथ बाबूगंज के रामाधीन सिंह उत्सव लॉन पहुंची तो दुल्हा बने रूपेश भी पेपर मिल से बरात लेकर पहुंचे।
वर पक्ष के लोगों ने दुल्हन का तो कन्या पक्ष के लोगों ने दूल्हे का स्वागत किया। अपनी तरह की अनोखी शादी के साक्षी उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और विधि एवं न्यायमंत्री ब्रजेश पाठक भी बने।
शादी की परिकल्पना करने वाले और लड़की के पिता राजेश कुमार विद्यार्थी ने बताया कि बराबरी के दर्जे की बात होती है तो बरात लड़के वाले ही क्यों ला सकते हैं।
लड़की बरात लेकर क्यों नहीं आ सकती है। समाज को नई सोच देने के लिए इन अनोखी शादी का प्लान बनाया गया। दोनों पक्षों की इस पर सहमति रही।