नोटबंदी के बाद पैदा हुए नकदी के संकट के चलते बिगड़े हालात सुधरने में अभी दो से तीन हफ्ते लग सकते हैं। पर्याप्त नकदी मुहैया कराने को सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक से कहा कि दो हजार रुपये के नोटों की छपाई रोककर 500 रुपये के नए नोट की छपाई बढ़ाए।
माना जा रहा है कि 500 रुपये के नए नोट की आपूर्ति बढ़ने से एटीएम और बैंकों में नकदी उपलब्धता में तेजी से सुधार आ जाएगा। इस बीच सरकार ने नोटबंदी के बाद जमा हुए 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट की गणना में त्रुटि की आशंका जताते हुए आरबीआई तथा बैंकों को इनकी पुनः गिनती करने को कहा है।
वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के सचिव शक्तिकांत दास ने संवाददाताओं से कहा कि आरबीआइ अब तक 5 लाख करोड़ रुपये के 500 रुपये और 2000 रुपये के नए नोट की आपूर्ति कर चुकी है।
उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत तक विमुद्रीकृत हुई 15 लाख रुपये की मुद्रा में से लगभग आधी मुद्रा सिस्टम में डाल दी जाएगी। दास ने कहा कि वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक और प्रवर्तनकारी एजेंसियां हालात सुधारने के लिए मिलकर काम कर रही हैं।
स्थिति में काफी हद तक सुधार आ चुका है और 500 रुपये के नए नोट की आपूर्ति बढ़ने से अगले दो-तीन हफ्ते में स्थिति में और सुधार आ जाएगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि 30 दिसंबर के बाद हालात खराब नहीं होगी। दास ने कहा कि देशभर में 2.2 लाख एटीम हैं और इसमें से अब तक दो लाख एटीएम को रीकेलीब्रेट किया जा चुका है। रीकेलीब्रेशन का मतलब है कि ये एटीएम अब 500 रुपये और 2000 रुपये के नए नोट निकाल सकते हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ बैंक अपने ग्राहकों को पैसा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एटीएम में नकदी नहीं डाल रहे हैं। सरकार बैंकों से आग्रह करेगी कि वे एटीएम में भी नकदी डालें। उन्होंने कहा कि आरबीआई की प्रिंटिंग प्रेसों से हवाई जहाज के माध्यम से तमाम क्षेत्रों में नोटों की आपूर्ति की जा रही है।
यह पूछे जाने पर कि 500 रुपये और 1000 रुपये के कितने पुराने नोट अब तक जमा हो चुके हैं, दास ने कहा कि आरबीआइ ने सूचना दी है कि अब तक 12.5 लाख करोड़ रुपये पुराने नोट के रूप में जमा हो चुके हैं।
कई ऐसे क्षेत्र हैं जिसमें सरकार को लगता है कि दोहरी गणना हुई है। इसलिए उन क्षेत्रों की पहचान की गयी है और आरबीआई तथा बैंकों को इसे दोबारा जांचने को कहा है।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में अब तक जमा हुए नोट की पुनः गणना की जाएगी। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार 30 दिसंबर के बाद धन निकासी की सीमा को बढ़ा देगी, दास ने कहा कि जब भी सरकार कोई फैसला लेगी, उसी समय सूचित किया जाएगा।
हालांकि सूत्रों का कहना है कि नोट आपूर्ति की सीमा 80 प्रतिशत के पास पहुंचने पर सरकार निकासी की सीमा को हटा सकती है। दास ने कहा कि नोटबंदी के बाद सरकार ने 100 रुपये, 50 रुपये, 20 रुपये और 10 रुपये के नोटों की आपूर्ति भी पिछले वर्षों की अपेक्षा अधिक की है।
मसलन आठ नवंबर को 1.60 लाख करोड़ मूल्य के 100 रुपये के नोट चलन में थे जबकि इसके बाद के पांच हफ्तों में आरबीआइ ने 80,000 करोड़ रुपये के 100 रुपये के अतिरिक्त नोटों की आपूर्ति की है।