सीनेट की मंज़ूरीके बाद आखिर अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने रूस के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए. हालाँकि इस विधेयक में ईरान और उत्तर कोरिया पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं. रूस को अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव में कथित दखलअंदाज़ी और सीरिया और यूक्रेन में आक्रामकता के खिलाफ यह सजा दी गई है.
उल्लेखनीय है कि इस नए बिल में राष्ट्रपति ट्रंप की उस ताकत को भी कम कर दिया है जिनसे वह रूस पर लगे प्रतिबंधों को खुद वापस ले सकें.उधर इस प्रतिबंध के खिलाफ रूस के प्रधानमंत्री दिमित्रि मेदवेदेव ने अपनी प्रतिक्रिया में इसे अमेरिका की ओर से रूस के ख़िलाफ़ पूरी तरह से व्यापारिक जंग का एलान माना है. जबकि ईरान के अनुसार नए प्रतिबंधों से परमाणु समझौते का उल्लंघन हुआ है जिसका वह उचित और सही तरीके से जवाब देगा.
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बता दें कि रूस ने अमरीकी राष्ट्रपति चुनावों में किसी भी तरह की दखलअंदाज़ी से इनकार किया है , यह बात खुद राष्ट्रपति ट्रंप ने भी इन आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि उनके प्रचार प्रबंधकों ने हिलेरी क्लिंटन के ख़िलाफ़ जीत हासिल करने के लिए रूस की मदद नहीं ली.स्मरण रहे कि रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने 755 अमरिकी राजनयिकों को रूस छोड़ने को कहा है. जो दोनों देशों के बीच संबंधों मेंआई खटास की ओर इंगित कर रहा है.
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