नई दिल्ली, रूस के यूक्रेन पर हमले की वजह से अमेरिका ने रूस पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं। वही दूसरी तरह रूस की तरफ से अमेरिटी टेक कंपनियों पर प्रतिबंध की शुरुआत कर दी है। इस मामले में शुरुआतसोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक (Facebook) से हुई है। रूस ने फेसबुक के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है।

रूस ने फेसबुक पर लगाया ये आरोप
रूस का आरोप है कि फेसबुक यूक्रेन के रूस पर फर्जी सैन्य अभियान के दावों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है।जिसकी वजह से रूस ने ऐसे सभी पोस्ट को सेंसर करने का ऐलान किया है। साथ ही रूस के राज्य संचार नियामक का कहना है कि फेसबुक ने अपने मंच पर चार रूसी मीडिया आउटलेट्स – आरआईए समाचार एजेंसी, रक्षा मंत्रालय के ज़्वेज़्दा टीवी, और वेबसाइटों gazeta.ru और lenta.ru पर प्रतिबंध हटाने की उसकी मांगों को नजरअंदाज कर दिया।
फेसबुक ने नहीं मानी रूस की मांग
मेटा हेड ग्लोबल अफेयर निक क्लेग (Nick Clegg) ने कहा कि रूस अथॉरिटी ने आदेश दिया कि फेसबुक को फैक्ट चेकिंग और कंटेंट को लेबलिंग करने के काम को बंद कर देना चाहिए। लेकिन फेसबुक की तरफ ऐसा करने से मना कर दिया गया है। जिसकी वजह से रूस ने फेसबुक सर्विस पर पाबंदी लगा दी है। बता दें कि मेटा पर लंबे वक्त से फेक न्यूज को फैलाने का आरोप लगता रहा है। इसके लिए कंपनी ने आउटसाइड फैक्ट चेकर के साथ साझेदारी की है. इसमें रॉयटर्स जैसी एजेसियां शामिल हैं. जो कि फेक न्यूज को लेकर जानकरी देती हैं।
यू-ट्यूब और ट्विटर पर पाबंदी
अमेरिकी सीनेटर मार्क वार्नर ने फेसबुक, यूट्यूब और अन्य के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को लिखे एक पत्र में कहा कि कंपनियों का यह कर्तव्य है कि यह सुनिश्चित करें कि रूस और रूस से जुड़ी संस्थाओं की ओर से उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग न किया जाए। गूगल ने कहा कि उसने पिछले कुछ दिनों में अपनी नीतियों का उल्लंघन करने के लिए सैकड़ों YouTube चैनल और हजारों वीडियो हटा दिए हैं। ट्वीटर की तरफ से कुछ पोस्ट को हटाया गया है।
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