नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) छह दिसंबर को भारत दौरे पर आ रहे हैं. पुतिन इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के साथ 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. वहीं, भारत में रूस के राजदूत निकोलाई कुदाशेवी (Nikolai Kudashev) ने इस दौरे को लकेर कहा है कि, शिखर सम्मेलन के परिणामों के बारे में बातचीत करने वाली टीमें कार्य कर रही हैं. किन्तु आज जो स्पष्ट है वह यह है कि परिणामों में से एक एक बड़ा और संयुक्त राजनीतिक वक्तव्य होगा.
राजदूत ने आगे कहा कि, ये एक बेहद व्यापक पेपर होगा. इसमें अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों से शुरू होने वाले हमारे संबंधों के तमाम आयामों को शामिल करने वाले डाक्यूमेंट्स और आधुनिक विश्व में अपनी केंद्रीय स्थिति को दिखाने वाली संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबद्धताएं शामिल होंगी. उन्होंने कहा कि इसके बाद इसमें क्षेत्रीय मसले और अफगानिस्तान संकट जैसे मुद्दे शामिल होंगे.
उन्होंने कहा कि इसमें कोरोना वायरस महामारी से पैदा हुई चिंताओं को शामिल किया जाएगा और द्विपक्षीय संबंधों के लिए ज्यादा जगह दी जाएगी. नई तकनीकों, विचारों, लोगों और क्षेत्रों को साथ लाने पर बातचीत की जाएगी. इस दौरे पर बड़ी मात्रा में समझौतें और ज्ञापन की सम्भावना जताई जा रही है.