कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीन ईजाद करने की कोशिश में अब दो पुराने दोस्त भारत और रूस साथ आ सकते हैं.इस मामले पर रूस और भारत के बीच बातचीत जारी है और जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद रूस के वैक्सीन स्पूतनिक 5 का जल्द भारत में ट्रायल शुरू हो सकता है.
भारत में उत्पादन को लेकर चल रही है बातचीत
नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पाल ने मंगलवार को बताया कि रूस ने इस बारे में भारत से सम्पर्क साधा है. उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच रूस के वैक्सीन के ट्रायल और बड़े पैमाने पर उसके भारत में उत्पादन को लेकर बातचीत चल रही है. इस बारे में रूस नहीं भारत से संपर्क साध कर पहल की है जिस पर भारत विचार भी कर रहा है.
ड्रग कंट्रोलर जेनरल ऑफ इंडिया की अनुमति जरूरी
डॉ पॉल ने बताया कि वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल भारत में करने के लिए पहले रेगुलेटर यानि ड्रग कंट्रोलर जेनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की अनुमति जरूरी होती है. रेगुलर की अनुमति मिलने के बाद भारत में उस कंपनी या संस्थान का चयन किया जाएगा जहां पर ट्रायल किया जाना है. अब तक भारत की तीन चार कंपनियों ने रूसी वैक्सीन के ट्रायल को लेकर अपनी रुचि दिखाई है.
डॉ वी के पाल ने यह साफ किया कि रूस के वैक्सीन का ट्रायल भी भारत के लोगों पर ही किया जाएगा.इसका मक़सद वैक्सीन का असर भारत के लोगों पर परखना है ताकि उसे यहीं के अनुसार तैयार किया जा सके.
भारत में तीन में से दो कम्पनियां पहले और दूसरे चरण के ट्रायल में
जहां तक भारत में चल रहे स्वदेशी वैक्सिनों के ट्रायल का सवाल है, यहां तीन में से दो कम्पनियां पहले और दूसरे चरण के ट्रायल में हैं. जबकि सीरम इंस्टिट्यूट और ऑक्सफोर्ड के वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल अगले हफ्ते मुम्बई और पुणे समेत भारत के 17 शहरों में शुरू होने की संभावना है.
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