रियल एस्‍टेट की सेकेंड्री मार्केट को बड़ा नुकसान, घर हो सकते हैं बेहद सस्ते

नई दिल्ली 500 और 1000 के नोटबंद होने से रियल एस्‍टेट की सेकेंडरी मार्केट को सबसे बड़ा नुकसान हुआ है। सेकेंडरी मार्केट से बायर्स पूरी तरह गायब हो गए हैं।

img_20161122012208एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि नोटबंदी की वजह से सेकेंडरी मार्केट में कम से कम 30 फीसदी कीमतें कम हो जाएंगी। साथ ही, लगभग 6 माह तक मार्केट में कस्‍टमर नहीं दिखाई देंगे।

प्रॉपर्टी के जानकार बताते हैं कि राजधानी दिल्‍ली सबसे बड़ी सेकेंडरी मार्केट है और यहां लगभग 80 फीसदी खरीद-फरोख्‍त कैश में होती है। ऐसे में, नोट बंदी के बाद से यहां की प्रॉपर्टी मार्केट में पूरी तरह से सन्‍नाटा है और अभी तक यह भी अनुमान लगाना मुश्किल है कि आगे क्‍या होगा। जानकार मानते हैं कि दिल्‍ली की इस सेकेंडरी मार्केट की दशा में सुधरने में कई माह लगेंगे।

प्रॉपर्टी एडवाइजरी फर्म लियास फोरस का अनुमान है कि नोट बंद होने का असर प्‍लॉट की कीमतों पर पड़ेगा और आने वाले दिनों 25 से 30 फीसदी रेट कम हो जाएंगे। जिन शहरों में प्‍लॉटेड डेवलपमेंट काफी अधिक है, वहां इसका बड़ा असर दिखाई देगा और कीमतें काफी कम हो सकती हैं।

पंजाब के मोहाली और जिरकपुर में टाउनशिप प्रोजेक्‍ट्स बनाने वाली कंपनी मोना टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर तेजिंद्र पाल सेतिया ने कहा कि टियर-टू सिटीज की प्राइमरी मार्केट पर नोट बंदी का असर नहीं दिख रहा है। हालांकि अभी सेंटीमेंट्स ठीक न होने के कारण बायर्स नहीं आ रहे हैं, लेकिन यह हालात जल्‍द ठीक हो जाएंगे।

सेतिया ने कहा कि इसका फायदा प्राइमरी मार्केट को 6 माह बाद पहुंचेगा, जब लि‍क्‍विडिटी बढ़ने के बाद बैंक होम लोन कम कर देंगे। इससे एंड-यूजर्स बाजार में आएंगे और एक बार फिर से रियल एस्‍टेट मार्केट में जान आ जाएगी। हालांकि उन्‍होंने माना कि सेंकेडरी मार्केट का इससे उबरने में अभी समय लग जाएगा।  

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