आयुर्वेद अस्पताल बलई गांव के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को बीते 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होना था लेकिन विभाग की ओर से उसे सेवानिवृत्त नहीं किया गया। जनवरी का वेतन भी जारी कर दिया गया। मार्च तक कर्मचारी ड्यूटी करता रहा। इसकी भनक जब विभागीय अधिकारियों को हुई तो सभी सकते में आ गए। आननफानन में कर्मचारी को ड्यूटी से हटाकर वेतन बिल बनाने वाले फार्मेसिस्ट से जवाब तलब किया गया है।
विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। मिहींपुरवा विकासखंड के बलई गांव में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय है। इसमें ऋषिराम स्वच्छक/चौकीदार के पद पर तैनात था। 31 दिसंबर 2018 को उसे सेवानिवृत्त होना था। विभागीय जिम्मेदार उसे सेवानिवृत्त करना भूल गए। जनवरी 2019 में भी कर्मी ने पूरे महीने काम किया। उसका वेतन भी बलई गांव के फार्मेसिस्ट रामनरायन ने बनाकर जिला मुख्यालय भेज दिया। वहां से वेतन पास कर दिया गया।
ऋषिराम से फरवरी और मार्च में भी काम कर लिया। इसका खुलासा बलई गांव निवासी रामरत्ती ने सचिव आयुष अनुभाग एक को पत्र भेजकर किया। सेवानिवृत्त कर्मचारी को सेवानिवृत्त तिथि के बाद वेतन प्रदान करने और निरंतर ड्यूटी लेने का पता जब विभागीय अधिकारियों को लगा, तब हड़कंप मचा। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. अशोक पांडेय गुलशन ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। बिल बनाने वाले कर्मचारी से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। स्वच्छक को सेवानिवृत्ति प्रदान कर दी गई है।