राष्ट्रीय स्वसंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से भारतीय समाज अपनी सांस्कृतिक जड़ों से और गहराई से जुड़कर आíथक रूप से समृद्ध और सांस्कृतिक रूप से विस्तारित होकर मानवता का मार्गदर्शन करेगा। वैद्य ने कहा कि राम मंदिर ‘भारत के गौरवशाली अतीत का प्रतीक’ है। यह मंदिर बताएगा कि जातीय, धार्मिक, सांस्कृतिक विविधता से भरे विश्व में किस तरह से सौहार्द, शांति और समृद्धि के साथ रहा जा सकता है।
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा सोमनाथ मंदिर के पुनर्विकास का जिक्र करते हुए वैद्य ने कहा कि देश के प्रथम राष्ट्रपति ने कहा था कि सोमनाथ मंदिर का निर्माण तब पूरा माना जाएगा जब एक राष्ट्र के तौर पर भारत अपने सामाजिक एवं राष्ट्रीय जीवन में उन उच्च स्तर के सांस्कृतिक मूल्यों और आíथक समृद्धि को हासिल करेगा, जो पहले कभी उसे प्राप्त था। वैद्य ने कहा, ‘यही बात राम मंदिर पर लागू होती है। पवित्र स्थल होने के साथ ही यह सांस्कृतिक मूल्यों और आíथक समृद्धि का प्रतीक बनेगा।’
वैद्य ने कहा कि भारत के इतिहास में मंदिर का निर्माण एक मील का पत्थर होगा। राम मंदिर के निर्माण को राजनीतिक मुद्दे के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि यह वृहद भारतीय समाज के लिए आस्था का विषय है।
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