कांग्रेस अध्यक्ष की चर्चाओं के बीच सीएम गहलोत का राजस्थान की पिच पर ही बैटिंग करने का मन है। इसलिए सीएम गहलोत ने दिल्ली को सख्त संदेश दे दिया है कि वह राजस्थान से बाहर जाने वाले नहीं है। गहलोत ने बांरा जिले के अंता में कहा कि 28 अगस्त को चुनाव का कार्यक्रम घोषित होगा। उसमें तय होगा कि चुनाव का प्रोसेस क्या होगा। मैं आपके बीच हूं। मैं थांसू दूर नहीं हूं। मैं इस प्रदेश से अंतिम सांस तक दूर रहने वाला नहीं हूं। चाहें कोई जिम्मेदारी हो। चाहे कुछ भी करूं। मेरे जेहन के अंदर जिस प्रदेश में अंदर पैदा हुआ। जहां के हालात मैंने बचपन से देखें। उससे दूर नहीं रहने वाला। सीएम गहलोत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के संविधान के अनुसार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव पूर देश के पीसीसी डेलीगेट्स द्वारा किया जाता है। पूरे देश के पीसीसी डेलीगेट्स द्वारा राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने के पक्ष में प्रस्ताव भिजवाया जा रहा है। सीएम ने कहा कि लगभग 9 हजार डेलीगेट्स है पार्टी में।
सीएम गहलोत के नाम की हो रही है चर्चा
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा। पिछले कई दिनों से यह सवाल राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। सीएम गहलोत के नाम की भी चर्चा हो रही है। लेकिन सीएम गहलोत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह राजस्थान छोड़कर कही जाने वाले नहीं है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी चाहती है कि वह खुद पद संभाल लें। लेकिन खुद सीएम गहलोत इसके लिए तैयार नहीं बताए जा रहे हैं।सीएम गहलोत का राजस्थान की पिच पर ही बैटिंग करने का मन है। इसलिए सीएम गहलोत ने दिल्ली को सख्त संदेश दे दिया है कि वह राजस्थान से बाहर जाने वाले नहीं है। सीएम गहलोत ने फिर कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बनते है तो कई लोग निराश हो जाएंगे। उन्हें अध्यक्ष का पद संभालना चाहिए।
गहलोत के बयान के मायने
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत तब भी कोई बयान देते है तो उसके वह बहुत मायने रखता है। बताया जाता है कि सीएम राजस्थान से बाहर नहीं जाने के पीछे अड़े हुए है। जानकारों का कहना है कि सीएम गहलोत चाहते है कि विधानसभा चुनाव 2023 उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा जाए। सीएम गहलोत नहीं चाहते हैं कि राज्य की सत्ता सचिन पायलट को सौंपी जाए। इसलिए सीएम गहलोत ने पार्टी आलाकमान को सख्त संदेश दे दिया है कि वह राजस्थान से बारह जाने वाले नहीं है।