नई दिल्ली. राजस्थान में अजमेर और अलवर की लोकसभा सीट और मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनावों में हार ने प्रदेश भाजपा में उथल-पुथल मचा दी है. पहले तो कोटा ओबीसी प्रकोष्ठ के अशोक चौधरी ने पार्टी हाईकमान से प्रदेश में नेतृत्व बदलने की मांग कर दी. और अब बीते दिनों रामगढ़ के विधायक ज्ञानदेव आहूजा का वायरल ऑडियो ने प्रदेश में सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है. भाजपा के विधायक ज्ञानदेव आहूजा का एक ऑडियो वायरल हुआ है. इसमें वह कहते सुने गए हैं, ‘ये तो सरकार हारी है, हम थोड़े ही हारे हैं’.
वायरल हुए ऑडियो में और भी ऐसी कई बातें हैं जिनमें विधायक मौजूदा नेतृत्व से नाराज नजर आ रहे हैं. हालांकि वायरल ऑडियो की सत्यता की परख नहीं हुई है, लेकिन विधायक ज्ञानदेव आहूजा का सीएम वसुंधरा राजे और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के खिलाफ कही गई बातों पर प्रदेश नेतृत्व सक्रिय जरूर हो गया है.
वहीं हालिया लोकसभा उपचुनाव में उम्मीदवार रहे जसवंत सिंह यादव ने भी आहूजा के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. बता दें कि वायरल ऑडियो में विधायक आहूजा ये कहते हुए पाए गए हैं कि अलवर से पार्टी के प्रत्याशी जसवंत सिंह यादव ‘बदनाम’ हैं, इसलिए पार्टी को प्रत्याशी बदल देना चाहिए.अपने खिलाफ इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश के श्रम मंत्री जसवंत सिंह यादव ने कहा कि अगर वायरल ऑडियो आहूजा का ही है, तो उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है.
यादव ने कहा कि उपचुनाव में न तो सरकार हारी और न ही इससे प्रदेश के नेतृत्व पर कोई असर पड़ेगा. हम जनता का मूड भांपने में असफल रहे. वहीं, प्रदेश नेतृत्व ने आहूजा के बयान के बाद डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू कर दी है. आपको बता दें कि आहूजा से पहले पार्टी के कोटा ओबीसी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर प्रदेश की सीएम वसुंधरा राजे को बदलने की मांग की थी. उन्होंने भी प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी को वसुंधरा राजे का पिछलग्गू बताते हुए कहा था कि सीएम की कार्यशैली से प्रदेश की जनता नाराज है. पार्टी कार्यकर्ता परेशान हैं. ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव जीतना पार्टी के लिए मुश्किल है.