राजनेताओं के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट पर जेटली ने कहा- सांसद खुद आगे आकर पेश करें नजीर

राजनेताओं के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट पर जेटली ने कहा- सांसद खुद आगे आकर पेश करें नजीर

राजनेताओं के खिलाफ आपराधिक मामलों के निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन के मसले पर मंगलवार को राज्यसभा में गरमा-गरम बहस हुई। विपक्ष के सवालों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में इस पहल का बचाव किया। उन्होंने कहा कि इस पहलकदमी पर सांसदों को खुद आगे आकर नजीर पेश करनी चाहिए।राजनेताओं के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट पर जेटली ने कहा- सांसद खुद आगे आकर पेश करें नजीर
राजनेताओं के खिलाफ आपराधिक मामलों की शीघ्र सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें गठित किए जाने को लेकर विपक्षी सदस्यों की चिंता पर सदन के नेता ने कहा, ‘व्यक्तिगत तौर पर मेरा मानना है कि सांसदों को संदेह से परे होना चाहिए। राजनीतिक दलों को इस मसले पर आगे आना चाहिए। आप सांसद हैं, आपको तो खुद भी उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।’

राज्यसभा की बैठक शुरू होने पर कांग्रेस और सपा के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने यह मसला उठाया। उन्होंने कहा कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सांसदों, विधायकों सहित राजनेताओं के खिलाफ आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन को लेकर मसौदा तैयार करने का आदेश दिया था।

सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14 में कहा गया है कि आम लोग हों या निर्वाचित प्रतिनिधि कानून सबके लिए बराबर है। ऐसे में राजनेताओं के खिलाफ आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें कैसे गठित की जा सकती हैं। ऐसी स्थिति में जब आतंकियों या खूंखार अपराधियों के लिए भी सुनवाई को विशेष अदालतें नहीं हैं।

इस मामले में कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि इस कदम से आम लोगों में यह भावना घर कर सकती है कि फास्ट ट्रैक अदालतों की जरूरत केवल निर्वाचित प्रतिनिधियों को है।

 

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