प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी कहते थे, पुराने धर्मों के मुताबिक नास्तिक वो है जो ईश्वर में भरोसा नहीं करता, लेकिन नया धर्म कहता है, नास्तिक वो है जो खुद में भरोसा नहीं करता. पहले देश में ये धारणा बन गई थी कि अगर कोई युवक राजनीति की तरफ रुख करता था तो घर वाले कहते थे कि बच्चा बिगड़ रहा है, क्योंकि राजनीति का मतलब ही बन गया था- झगड़ा, फसाद, लूट-खसोट, भ्रष्टाचार! लोग कहते थे कि सब कुछ बदल सकता है लेकिन सियासत नहीं बदल सकती.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज राजनीति में ईमानदार लोगों को भी मौका मिल रहा है. Honesty और Performance आज की राजनीति की पहली अनिवार्य शर्त होती जा रही है. भ्रष्टाचार जिनकी legacy थी, उनका भ्रष्टाचार ही आज उन पर बोझ बन गया है. वो लाख कोशिशों के बाद भी इससे उभर नहीं पा रहे हैं.
कुछ बदलाव बाकी हैं, और ये बदलाव देश के युवाओं को ही करने हैं. राजनीतिक वंशवाद, देश के सामने ऐसी ही चुनौती है जिसे जड़ से उखाड़ना है. अब केवल सरनेम के सहारे चुनाव जीतने वालों के दिन लदने लगे हैं, लेकिन राजनीति में वंशवाद का ये रोग पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है.
राष्ट्रीय युवा संसद फेस्टिवल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी भी ऐसे लोग हैं, जिनका विचार, जिनका आचार, जिनका लक्ष्य, सबकुछ अपने परिवार की राजनीति और राजनीति में अपने परिवार को बचाने का है. ये राजनीतिक वंशवाद लोकतंत्र में तानाशाही के साथ ही अक्षमता को भी बढ़ावा देता है.
राजनीतिक वंशवाद, Nation First के बजाय सिर्फ मैं और मेरा परिवार, इसी भावना को मज़बूत करता है. ये भारत में राजनीतिक और सामाजिक करप्शन का भी एक बहुत बड़ा कारण है.