राकेश टिकैत के लखनऊ घेरने के बयान पर बीजेपी ने ट्वीट कर किया पलटवार, कही यह बात

राकेश टिकैत के लखनऊ घेरने के बयान पर सियासत शुरू हो गई है। यूपी बीजेपी कार्टून पोस्टर के जरिए राकेश टिकैत पर पलटवार किया है। बीजेपी ने ट्वीट कर लिखा है कि ओ भाई जरा संभल कर जइयो लखनऊ में… 

जानिए क्या कहा था टिकैत ने :

राकेश टिकैत ने लखनऊ को भी दिल्ली बनाने की चेतावनी दी थी। लखनऊ में सोमवार को पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा था कि अगर बात नहीं बनी तो दिल्ली की तरह ही देश के किसान लखनऊ की सीमाओं को सील करेंगे। टिकैत ने कहा कि दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसानों के आंदोलन के आठ महीने पूरे हो गए हैं लेकिन न तो किसान विरोधी कानून को रद्द किया गया और न ही एमएसपी के कानूनी गारंटी को लागू किया गया। ऐसे में मोर्चा ने अब मिशन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के नाम से आंदोलन शुरू करने का निर्णय किया है। यह आंदोलन पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत के तत्काल बाद शुरू हो जाएगा। इसके बाद सभी मंडल मुख्यालयों पर महापंचायत का आयोजन किया जाएगा और रैलियां निकाली जाएगी। जिसमें तीनों किसान विरोधी कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी के साथ प्रदेश के किसानों के स्थानीय मुद्दे को भी उठाया जाएगा।

किसान नेता ने दावा किया कि आठ महीने का यह आंदोलन किसानों के आत्म सम्मान और एकता का प्रतीक बन गया है। उन्होंने कहा, हम अपने आंदोलन को और तेज, सघन और असरदार बनाने के लिए ही अगले पड़ाव के रूप में मिशन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शुरू करने जा रहे हैं। मिशन के तहत मोर्चा के बैनर तले देशभर के किसान दोनों प्रदेशों के किसानों के साथ मिलकर आन्दोलन को तेज करेंगे।

मिशन उत्तर प्रदेश उत्तराखंड के मुख्य कार्यक्रम

– प्रदेश के आन्दोलन में सक्रिय संगठनों के साथ संपर्क व समन्वय स्थापित करना।
– मण्डलवार किसान कन्वेंशन और जिलेवार तैयारी बैठक।
– 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में देश भर के किसानों की महापंचायत।
– सभी मण्डल मुख्यालयों पर महापंचायतों का आयोजन।
– इन कार्यक्रमों की समीक्षा के बाद आगे के कार्यक्रमों की रणनीति तय की जाएगी।

क्या योगी कमजोर नेता हैं: टिकैत

प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यूपी में मायावती की सरकार ने गन्ने के मूल्यों में प्रति कुंतल 80 रुपये की वृद्धि की थी जबकि अखिलेश यादव की सरकार ने अपने कार्यकाल में 50 रुपये की बढ़ोतरी की थी लेकिन योगी की सरकार ने गन्ने के मूल्यों में एक रुपये की वृद्धि नहीं की। क्या योगी उन दोनों नेता से कमजोर नेता हैं जो किसानों के हित में कोई निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। इनकी उम्र भी कम है इन्हें तो गन्ने का रेट 100 रुपये तक बढ़ाना चाहिए।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com