अनुलोम-विलोम से शरीर की सभी नाड़ियां स्वस्थ एवं निरोग रहती हैं। इससे फेफड़े और हृदय स्वस्थ रहते हैं। कमजोर और एनीमिया से पीड़ित रोगियों को इस प्राणायाम के दौरान सांस भरने एवं छोड़ने में थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए।
इसका अभ्यास सुबह के समय खुली हवा में करें। बैठ जाएं। दाहिने हाथ के अंगूठे से दाईं नासिका को बंद करें और बाईं ओर से सांस भरें। फिर बाईं नासिका को बंद कर दाहिनी नासिका से सांस बाहर जाने दें।
सांस छोड़ते समय आठ तक की गिनती करें। बारी-बारी से दोनों नासिकाओं के साथ इस क्रिया को पहले तीन मिनट करें। धीरे-धीरे इसका अभ्यास बढ़ाकर 10 मिनट कर दें। जल्दी-जल्दी सांस न लें। सांस की गति इतनी सहज हो कि स्वयं भी सांस की आवाज सुनाई न दे।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal