पहली बार फाइनल में पहुंचा था विदर्भ
विदर्भ ने अपने खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन के दम पर रणजी ट्रोफी जीत ली है। यह पहला मौका है जब विदर्भ इस प्रतिष्ठित ट्रोफी को अपने नाम करने में कामयाब रहा। विदर्भ की टीम ने दिल्ली को इंदौर के होल्कर स्टेडियम में 9 विकेटों से हराकर पहली बार चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।
रणजी ट्रोफी जीतने वाली 17वीं टीम बनी विदर्भ
विदर्भ प्रतिष्ठित रणजी ट्रोफी जीतने वाली 17वीं टीम बन गई है। इस घरेलू क्रिकेट टूर्नमेंट को सबसे ज्यादा 41 बार मुंबई (पहले बॉम्बे) ने जीता है। इस बार फाइनल में पहुंची दिल्ली टीम 7 बार रणजी ट्रोफी जीत चुकी है।
फैज फजल ने किया सफल नेतृत्व
विदर्भ की कप्तानी संभाल रहे फैज फजल ने टीम का सफल नेतृत्व किया। उन्होंने टीम की ओर से इस सीजन में सबसे ज्यादा 912 रन भी बनाए।
जाफर का फाइनल में जीत का 100% रेकॉर्ड
वसीम जाफर चैंपियन बनने वाली टीम का 9वीं बार हिस्सा रहे। उन्होंने चौका जड़कर अपने करियर में पहली बार खिताबी मुकाबले में विजयी रन बनाया। मुंबई के पूर्व कप्तान जाफर इस बार विदर्भ से खेल रहे थे जो उनका 9वां रणजी फाइनल मैच था। दिलचस्प है कि हर बार रणजी में उनकी टीम चैंपियन रही। उनका इस टूर्नमेंट में फाइनल में जीत का रेकॉर्ड 100% है।
मयंक अग्रवाल रहे टॉप स्कोरर
कर्नाटक के स्टार बल्लेबाज मयंक अग्रवाल इस सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बैट्समैन बने। उन्होंने 8 मैचों में कुल 1160 रन बनाए जिसमें 5 शतक शामिल हैं। दूसरे नंबर पर चैंपियन विदर्भ के फैज फजल रहे जिन्होंने 9 मैचों में 912 रन बनाए। तीसरे नंबर पर विदर्भ के ही रामस्वामी (9 पारियों में 775 रन) रहे।
जलज ने लिए सबसे ज्यादा विकेट
केरल के ऑफ स्पिनर जलज सक्सेना इस सत्र में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। उन्होंने 7 मैचों में कुल 44 विकेट झटके। फाइनल मैच में हैट-ट्रिक लेने वाले विदर्भ के पेसर रजनीश गुरबानी ने 6 मैचों में 39 विकेट लिए और वह इस सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज बने। बंगाल के पेसर अशोक डिंडा ने 35 विकेट लिए और वह तीसरे नंबर पर रहे।
विदर्भ के पेसर गुरबानी का जलवा
दिल्ली के खिलाफ रणजी ट्रोफी फाइनल मैच में हैट-ट्रिक लेने वाले विदर्भ के पेसर रजनीश गुरबानी का इस सीजन में जलवा रहा। उन्होंने कर्नाटक के खिलाफ मुकाबले में 162 रन देकर 12 विकेट लिए जो इस सीजन का किसी गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा।