योग दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- अपने काम को सही तरीके से करना भी योग है…

 पीएम मोदी ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे यहां कहा गया है कि युक्त आहार विहारस्य, युक्त चेष्टस्य कर्मसु, युक्त स्वप्ना-व-बोधस्य, योगो भवति दु:खहा. अर्थात्, सही खान-पान, सही तरीके से खेल-कूद, सोने-जागने की सही आदतें, और अपने काम को सही तरीके से करना ही योग है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे यहां निष्काम कर्म को बगैर किसी स्वार्थ के, सभी लोगों का उपकार करने की भावना को भी कर्मयोग कहा गया है. कर्मयोग की ये भावना भारत के रग-रग में समाई हुई है. एक सजग नागरिक के तौर पर हम परिवार और समाज के रूप में एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे.

योग और प्राणायाम की अहमियत को समझाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना  वायरस खासतौर पर हमारे श्वसन तंत्र पर हमला करता है. हमारे श्वसन तंत्र को मजबूत करने में जिससे सबसे अधिक सहायता मिलती है, वो है प्राणायाम, यानि कि breathing exercise. आप प्राणायाम को अपने दैनिक अभ्यास में जरूर शामिल करिए, और अनुलोम-विलोम के साथ ही अन्य प्राणायाम तकनीक को भी सीखिए.

पीएम मोदी ने कहा कि योग का अर्थ ही है समत्वम् योग उच्यते. यानी अनुकूलता-प्रतिकूलता, सफलता-विफलता, सुख-संकट, प्रत्येक परिस्थिति में समान रहने, अडिग रहने का नाम ही योग है. उन्होंने कहा कि जब हम योग के जरिए समस्याओं के समाधान और दुनिया के कल्याण की बात कर रहे हैं, तो मैं आपको योगेश्वर श्रीकृष्ण के कर्मयोग का भी पुनः स्मरण कराना चाहता हूं. गीता में भगवान कृष्ण ने योग के बारे में बताते हुए कहा है- ‘योगः कर्मसु कौशलम्’अर्थात्, कर्म की कुशलता ही योग है.

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