योगी सरकार का ने किया फरमान पढ़ाई छोड़ दुल्हनों को सजाएगी महिला शिक्षक

अध्यापकों का काम क्या होता है। अब आप सोच रहे होंगे ये कैसा बेहूदा सवाल है। जाहिर सी बात है अध्यापक पढ़ाने के लिए होते हैं। लेकिन यूपी में ऐसा नहीं है। यहां तो लग रहा है कि बच्चों को पढ़ाने-लिखाने से लेकर शादी तक की पूरी जिम्मेदारी यहां के अध्यापकों को दे दी गई है। पहले पढ़ाइए फिर शादी के लिए सजा-धजा तैयार करिए। मामला आपको समझ में अभी नहीं आ रहा होगा। चलिए बताते हैं… इन दिनों सिद्धार्थनगर जिले में टीचरों को सरकारी फरमान मिला है कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना कार्यक्रम में महिला शिक्षक दुल्हनों को तैयार करने में मदद करेंगी।

इस आदेश में साफ तौर पर इस बात का उल्लेख किया गया कि महिला शिक्षक दुल्हनों को तैयार करेंगी, आदेश के जारी होने के बाद शिक्षकों ने इसके प्रति विरोध जताया इस निर्देश का सरकारी फर्रा थोड़ी देर में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
फरमान के वायरल होते ही प्रशासन नींद से जागा और आनन-फानन में सिद्धार्थनगर जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें 28 जनवरी को सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान दुल्हनों को शादी के लिए तैयार करने के लिए 20 महिला शिक्षकों की ड्यूटी लगाई थी।

अभी तक टीचर जी बच्चों का भविष्य संवारते थे,जनगणना करते थे, पोलियो अभियान चलाते थे, बाढ़-,सूखा राहत अभियान, चुनाव में ड्यूटी, मंत्रियों की सभा में अनिवार्य उपस्थिति आदि न जाने कौन कौन से कार्य करते आ रही हैं, अब दुल्हन सजाने का नया कार्य , वैसे देखा जाए तो हमारी टीचर देखते-देखते मल्टीटास्किंग होती जा रही हैं। इससे संकेत मिलता है कि निकट भविष्य में पुरुष टीचर दूल्हे राजा को सजाएंगे।
अभी तक टीचर जी बच्चों का भविष्य संवारते थे,जनगणना करते थे, पोलियो अभियान चलाते थे, बाढ़-,सूखा राहत अभियान, चुनाव में ड्यूटी, मंत्रियों की सभा में अनिवार्य उपस्थिति आदि न जाने कौन कौन से कार्य करते आ रही हैं,
अब दुल्हन सजाने का नया कार्य , वैसे देखा जाए तो हमारी टीचर देखते-देखते मल्टीटास्किंग होती जा रही हैं। इससे संकेत मिलता है कि निकट भविष्य में पुरुष टीचर दूल्हे राजा को सजाएंगे।
इस मामले के वायरल होते ही लोगों ने आदेश की किरकिरी करनी शुरू कर दी, जिसको देखते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस आदेश को रद्द करते हुए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है।

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