उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक (MLA) और पूर्व विधान परिषद सदस्य (MLC) अब नहीं कर सकेंगे राज्य सरकार के प्रतीक चिन्हों का इस्तेमाल. सूबे की योगी सरकार ने इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को पत्र लिखकर आदेश जारी किया है.
सरकार द्वारा जारी आदेश में साफ तौर पर लिखा गया है कि प्रदेश के पूर्व विधायक और पूर्व एमएलसी अपने लेटर पर यूपी सरकार के लोगो का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. विधानसभा अध्यक्ष ने पत्र मिलते ही इस संबंध में पूर्व एमएलए और पूर्व एमएलसी के लोगो इस्तेमाल पर रोक लगाते हुए आदेश जारी कर दिया है.
विधायक और एमएलसी ही नहीं बल्कि सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री भी अब यूपी सरकार के सरकारी चिन्ह का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. बता दें कि विधायक और मंत्री अपने पद पर रहते हुए प्रतीक चिन्ह के इस्तेमाल पर रोक नहीं है. ये आदेश सिर्फ पूर्व एमएलसी और विधायकों और पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व मंत्री के लिए हैं.
दरअसल सूबे में राज्य सरकार के प्रतीक चिंहों का दुरुपयोग होने से रोकने के लिए ये आदेश जारी किया है. अभी तक पूर्व विधायक, पूर्व विधान परिषद सदस्य अपने लेटर पैड में सरकारी प्रतीक चिन्हों का इस्तेमाल करते आ रहे हैं, लेकिन अब इस आदेश के बाद अपने लेटर पैठ में राज्य के प्रतीक चिंह का प्रयोग नहीं कर सकेंगे.