सावधान! आपके क्षेत्र में दो-तीन दिन के भीतर बिजली गिरने की घटना हो सकती है। ऐसे में सावधानी बरतें। बहुत जरूरी न हो तो घर से न निकलें।
अगर घर से बाहर हैं और बारिश शुरू हो जाती है तो सुरक्षित स्थानों पर रुक जाएं। हरे पेड़ व बिजली के तार के नीचे, बिजली पोल व मोबाइल टॉवर के पास न जाएं।
खुद भी सतर्कता बरतें और दूसरे को भी जानकारी देकर जान बचाएं। जल्द ही इस तरह की भविष्यवाणी लोगों के मोबाइल स्क्रीन पर नजर आने वाली है। गौरतलब है कि प्रदेश में पिछले 13 महीने में 479 लोग जान गवां चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों प्राकृतिक आपदाओं से जनहानि पर चिंता जताई थी और बिजली गिरने से हो रही मौतें रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया था।
इसके बाद राहत विभाग ने बिजली गिरने से होने वाली मौतें रोकने के लिए ‘भविष्यवाणी’ (फोरकास्ट) और तात्कालिक चेतावनी (नाउ कास्ट) सिस्टम शुरू करने की रणनीति पर काम शुरू किया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) से समन्वय कर इस संबंध में कार्यवाही चल रही है।
इस व्यवस्था को जल्द से जल्द लागू करने की तैयारी है। राहत आयुक्त संजय गोयल ने बताया कि प्रदेश में बिजली गिरने से बड़ी संख्या में मौत हो जाती हैं।
मुख्यमंत्री समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत लोगों को बिजली गिरने की घटना से बचने के संबंध में जागरूक करने व पहले ही सूचना देकर अलर्ट करने का प्रयास है।
उन्होंने बताया कि आईएमडी तीन-चार दिन पहले भविष्यवाणी कर देता है कि किन-किन क्षेत्रों में बिजली गिरने की संभावना है। इसी तरह दो-तीन घंटे पहले और भी सटीक चेतावनी दे देता है।
यह जानकारी संबंधित क्षेत्रों के लोगों को समय से पहुंचाने के लिए आईएमडी की वेबसाइट से राहत की वेबसाइट को इंटीग्रेट किया जा रहा है। राहत की वेबसाइट पर अलर्ट आते ही कुछ ही क्षण में प्रदेश के संबंधित क्षेत्र के लोगों के मोबाइल पर वेब आधारित चेतावनी मैसेज चला जाएगा। इससे लोग एहतियात बरत सकेंगे।
राहत आयुक्त ने बताया कि यह मैसेज गांव स्तर पर प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव, लेखपाल, आशा व आगंनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वयं सहायता समूह, एनजीओ व सामाजिक कार्य से जुड़े प्रमुख लोगों के मोबाइल पर भेजा जाएगा।
आगे विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के मोबाइल नंबर भी जोड़े जाएंगे। जैसे-जैसे नंबर मिलते जाएंगे, मैसेज उतने ही अधिक लोगों तक भेजने का प्रयास होगा। ये दूसरों तक सूचना पहुंचाने में सहयोग करेंगे।
राहत आयुक्त ने बताया कि पृथ्वी मंत्रालय का ‘दामिनी’ मोबाइल एप भी बिजली गिरने की घटना से अलर्ट करता है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस एप को डाउनलोड करना चाहिए। इससे उन्हें नियमित रूप से बिजली गिरने संबंधी अलर्ट मिलता रहेगा। इसके बारे में भी लोगों को जागरूक किया जाएगा।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के निदेशक जेपी गुप्ता का कहना है कि मौसम विभाग संबंधित स्थान या क्षेत्र के मौसम में होने वाले बदलाव का लगभग 3 से 4 घंटे पहले चेतावनी जारी करता है।
तब उस दौरान संबंधित स्थान पर अंधड़, आंधी, बारिश, बिजली गिरने, ओले गिरने आदि की सूचनाएं वेबसाइट पर जारी होती हैं। इनका लाभ जितना हो सके उतना लोग उठाएं इसके लिए हम सभी प्रयासरत हैं। जानकारी जितना ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी लोग मौसमी बदलाव को लेकर सतर्क व सावधान हो सकेंगे।