बिहार में आज से राजस्व महा अभियान, हर घर तक जमीन से जुड़े सुधारों की सुविधा दे रही नीतीश सरकार

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने कहा कि पहली बार राज्य में जमीन के अभिलेखों में सुधार व अपडेट करने के उद्देश्य से बड़े पैमाने पर राजस्व महा अभियान आज से शुरू हो चुका है। लोगों से अपील है कि वह इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और अपनी जमाबंदी को अपडेट कराएं।

बिहार में आज राजस्व महा अभियान की शुरुआत हो चुकी है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 20 सितंबर तक यह महा अभियान चलाने की घोषणा की है। मंत्री संजय सरावगी ने कहा कि राजस्व महा अभियान 2025 राज्य सरकार की एक अत्यंत महत्वाकांक्षी पहल है। इससे लाखों रैयतों को लाभ होगा। अभियान के प्रत्येक चरण में समयबद्धता, पारदर्शिता और नागरिक सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाए। इस अभियान का उद्देश्य भूमि संबंधी दस्तावेजों में पारदर्शिता लाना और जनता को जमीन से जुड़ी जरूरी सुधारों की सुविधा सीधे उनके द्वार तक पहुंचाना है।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत डिजिटाइज्ड जमाबंदी में त्रुटि सुधार, उत्तराधिकार नामांतरण, बंटवारा नामांतरण एवं छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन किया जाएगा। इन महत्वपूर्ण कार्यों को हल्का स्तर पर शिविर लगाकर पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस राजस्व महाअभियान के तहत राज्यभर में डिजिटाइज्ड जमाबंदी में त्रुटियों का सुधार (परिमार्जन), छूटी हुई जमाबंदियों को ऑनलाइन कराना, उत्तराधिकार नामांतरण और बंटवारा नामांतरण जैसे मामलों का समाधान किया जाएगा। इसके साथ ही नाम, खाता, खेसरा, रकबा, लगान जैसी अशुद्धियों को ठीक किया जाएगा।

ऑफलाइन जमाबंदी को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा
अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ से गठित टीमें 16 अगस्त से 15 सितंबर 2025 तक घर-घर जाकर लोगों को उनकी जमाबंदी की प्रति देंगी तथा हल्का शिविर में उनसे आवेदन लेंगी ताकि किसी को दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें। ऑफलाइन जमाबंदी को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा। रैयत की मृत्यु के बाद उत्तराधिकारियों के नाम पर जमाबंदी कराई जाएगी। संयुक्त जमाबंदी के मौखिक बंटवारे के बावजूद अंशधारकों के नाम से अलग जमाबंदी सुनिश्चित की जाएगी।

लोगों को आवेदन पत्र भरने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा
प्रत्येक पंचायत के सरकारी या अन्य सरकारी भवन में हल्कावार विशेष शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में भरे हुए आवेदन प्रपत्र जरुरी कागजातों के साथ जमा किए जा सकेंगे। प्रत्येक हल्का में कम से कम सात दिनों के अंतराल पर दो तिथियों में शिविर आयोजित किए जाएंगे। लोगों को आवेदन पत्र भरने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। अधिक जानकारी के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की आधिकारिक वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। इसके अलावा विभाग के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी इस संबंध में जरूरी जानकारियां प्रदान की जायेंगी।

जानिए, बिहार सरकार ने क्या छह संदेश दिया रैयतों को
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से कहा गया कि राजस्व कर्मी आपके घर आकर आपकी ऑनलाइन जमाबंदी की प्रति आपको देंगे। इस दौरान वे आपसे कुछ महत्वपूर्ण जानकारी भी इकट्ठा करेंगे, जैसे आपका मोबाइल नंबर, जमाबंदी रैयत की जीवित होने की स्थिति और यह कि क्या जमाबंदी में कोई सुधार की आवश्यकता है या संपत्ति का बंटवारा दाखिल-खारिज होना है।
जमाबंदी की प्रति लेते समय आपको एक पंजी में हस्ताक्षर करना होगा।
अगर आपकी जमाबंदी में कोई गलती है या कोई जानकारी मौजूद नहीं है, तो आप उसी प्रति में सही जानकारी लिखकर और जरूरी दस्तावेज लगाकर अपना आवेदन तैयार कर सकते हैं।
यदि जमाबंदी के मालिक की मृत्यु हो गई है और संपत्ति का बंटवारा नहीं हुआ है, तो राजस्व कर्मी आपको उत्तराधिकार दाखिल-खारिज का फॉर्म देंगे। अगर संपत्ति का बंटवारा हो चुका है, तो बंटवारा दाखिल-खारिज का फॉर्म उपलब्ध कराया जाएगा।
यदि आपकी जमाबंदी अभी तक ऑनलाइन नहीं है, तो आप राजस्व कर्मी से उसे ऑनलाइन कराने का फॉर्म मांग सकते हैं।
यह सलाह दी जाती है कि आप शिविर शुरू होने से पहले ही अपने सभी आवेदन और जरूरी दस्तावेज तैयार करके रखें।

महा अभियान के बीच धरना पर बैठ गए अमीन
शनिवार से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने राजस्व महा अभियान की शुरूआत की है। विभाग बिहार के सभी अंचल के सभी पंचायतों में दो-दो शिविर लगाकर लोगों की समस्या का समाधान करने की तैयारी में हैं। हर शिविर में अमीनों को लैपटॉप लेकर रहने का निर्देश दिया गया है। लेकिन, अमीन अपने विभाग का ही आदेश मानने को तैयार नहीं हैं। सैकड़ों अमीन पटना गर्दनीबाग पहुंच गए हैं। बता दें कि विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने पहले ही सभी अंचलों को स्पष्ट निर्देश दिया था कि शिविरों में तकनीकी सुविधा और रिपोर्टिंग सिस्टम पूरी तरह दुरुस्त रखे जाएं।

प्रत्येक शिविर में 10 टेबल, 10 विशेष सर्वेक्षण अमीन लैपटॉप और इंटरनेट डोंगल के साथ मौजूद रहेंगे। ये अमीन मौके पर ही प्राप्त आवेदनों का संक्षिप्त डेटा जैसे नाम, पिता का नाम, मोबाइल नम्बर और आवेदन की विषयवस्तु दर्ज करेंगे। मोबाइल नंबर डालने का उद्देश्य आवेदन का ऑनलाइन निबंधन कर लेना है। परिमार्जन के आवेदन परिमार्जन प्लस पोर्टल पर और नामांतरण/बंटवारा के आवेदन म्यूटेशन प्लस पोर्टल पर प्रोसेस होंगे।

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