जानिए: ये कौन से है वो वीर जवान...जो मरने के बाद आज भी करता है सरहद की सुरक्षा, सेना आज भी देती है इनको सैलरी

जानिए: ये कौन से है वो वीर जवान…जो मरने के बाद आज भी करता है सरहद की सुरक्षा, सेना आज भी देती है इनको सैलरी

New Delhi: आज हम आपको एक ऐसे सैनिक के बारे में बताएंगे जो मरते दम तक देश की रक्षा करता रहा। आपको जानकर हैरानी होगी कि एक ऐसा सैनिक है जो मरने के बाद भी सरहद की सुरक्षा में लगा हुआ है। चलिए बताते हैं आखिर कौन था वो वीर जवान-जानिए: ये कौन से है वो वीर जवान...जो मरने के बाद आज भी करता है सरहद की सुरक्षा, सेना आज भी देती है इनको सैलरी

 

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3 अगस्त 1941 को पंजाब के कपूरथला जिला के ब्रोंदल गांव में जन्में हरभजन सिंह लोगों के लिए किसी कैप्टन से कम नहीं थे। इन्हें लोग कैप्टन बाबा हरभजन सिंह कहते हैं। बता दें कि कैप्टन बाबा ने 4 अक्टूबर 1968 में देश को अलविदा कह दिया था। गहरी खाई में गिरने से हरभजन सिंह शहीद हो गए थे।

 

दरअसल, लोगों का आज भी मानना है कि बाबा कैप्टन शहीद होने के बाद भी सीना ताने देश की सुरक्षा में तैनात हैं। हालांकि चीन के  सैनिकों ने खुद कहा है कि उन्होंने बाबा कैप्टन को घोड़े पर सवार होकर सरहदों की गश्त करते हुए देखा है।

 

बता दें कि  दिस वक्त कैप्टर हरभजन का निधन हुआ  उस दौरान कैप्टन  ती से चार दिन तक लापता हो गए थे। लापता होने के बाद वह अपने दोस्त प्रीतम सिंह के सपने में आकर उन्हें  अपने बॉडी  की जानकारी दी और बताया कि वे कहां है। हालांकि इस बात पर किसी को भरोसा नहीं हुआ लेकिन  जब वाकई उस जगह उनका शव बरामद हुआ तो लोगों को प्रीतम की बात पर यकीन हो गया।

 

बाद में  उस जगह बाबा की  समाधि बना दी  गई। बाबा के मंदिर में बाबा के जूते और बाकी सामान रखा गया। बाबा के  बिस्तर पर कीचड़ से सने जूते के निशान होते हैं। इस हर कोई देखकर हैरान हो जाता है। आपको बता दें कि आज भी बाबा हरभजन सिंह को बाकी सैनिकों की तरह सैलरी दी जाती है। सेना के पेरोल में आज भी बाबा का नाम लिखा हुआ है. सेना के नियमों के अनुसार ही उनकी पदोन्नति भी होती है। अब बाबा सिपाही से कैप्टन के पद पर आ चुके हैं।भी बुक करें, पेमेंट बाद में करें

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