ये है बूढ़ी महिला 15 साल की उम्र में ही त्याग दिया था अन्न,जानिए क्या है हक़ीक़त

ये है बूढ़ी महिला 15 साल की उम्र में ही त्याग दिया था अन्न,जानिए क्या है हक़ीक़त

ज़िंदा रहने के लिए खाना पीना बेहद ज़रूरी है। कोई इंसान बिना खाए पिये एक दिन ज़िंदा रह सकता है 2 दिन ज़िंदा रह सकता है। या फिर ज़्यादा से ज़्यादा 1 महीना जीवित रह सकता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी वृद्ध महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने पूरे 60 सालों से अन्न का एक दाना भी अपने गले से नहीं उतारा है। यह महिला केवल चाय और पानी पीकर पिछले 60 सालों से ज़िंदा है।ये है बूढ़ी महिला 15 साल की उम्र में ही त्याग दिया था अन्न,जानिए क्या है हक़ीक़त

दरअसल धामनोद के सुंद्रैल की 75 वर्षीय सरस्वती बाई सुर्खियों में हैं। 60 साल से उन्होंने अन्न का एक दाना नहीं खाया है। चाय और पानी के सहारे वह जीवित हैं। इतना ही नहीं उनका शरीर इतना चुस्त-दरुस्त है कि वह घंटों खेतों में काम भी करती है। सरस्वती बाई और द्वारका प्रसाद पाटीदार की बहुत कम उम्र में ही शादी हो गई थी। जब उनकी पहली संतान हुई तो वह बीमार पड़ गई। टाइफाइड हो गया आंतें सिकुड़ गई। कुछ भी खाती तो उसे हजम नहीं होता और उल्टी आ जाती। धीरे-धीरे उसकी तबीयत तो ठीक हो गई लेकिन उसे खाना नहीं पचता था। पति उनका कई जगह इलाज करवाया नहीं सब बेकार।

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सरस्वती ने खाना बिल्कुल ही छोड़ दिया और घूंट-घूंट पीने पर निर्भर हो गई फिर चाय भी उसे पचने लगी लेकिन खाना नहीं। अब सरस्वती का यही खाना बन गया। पानी और सुबह-शाम चाय बस। हफ्ते में एक बार केला खा लेती है। वहीं सरस्वती के बच्चे और पड़ोसियों का कहना है कि मां का भोजन अब चाय-पानी ही है जब उनसे पूछा जाता है कि क्या भूख नहीं लगी इस पर वह बस हंस कर न कर देती है। सरस्वती बाई के 5 बच्चे है लेकिन उन्होंने इस दौरान भी कभी अन्न का एक दाना

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