चटख रंगों वाली टाइल्स पर परियां, खेल-कूद करते बच्चे, फल-फूल, चरवाहे तथा विभिन्न प्रकार के जानवरों के सुंदर चित्र बने हैं। लगता है कि प्रत्येक चित्र दुग्ध व डेयरी के इतिहास का एक हिस्सा हो। दीवारों तथा छत की टाइल्स पर करीने से उकेरे चित्रों में चरती हुई गाएं, झंडे तथा विभिन्न सैन्य चिन्ह भी दिखाई देते हैं। स्टोर की चीफ सेल्सवुमन इना स्टीफन बताती हैं, ‘‘हर बार यहां कुछ न कुछ नया दिखाई देने लगता है।’’
‘फंड्स मोलकेरेई’ नामक डेयरी कारोबार की स्थापना पॉल गुस्ताव लिएंडर फंड नामक एक किसान ने की थी। वह एक स्पिरिट निर्माता के बेटे थे। 1879 में उनका परिवार अपनी 6 गायों के साथ करीब के गांव रेनहोल्डशेन से यहां आकर बस गया था। शहर में दुग्ध उत्पादन के गंदगी भरे माहौल को देख कर उन्हें बड़ा धक्का लगा। उन्होंने इसे बदलने की बात मन में ठान ली। अगले वर्ष उन्होंने अपनी डेयरी की स्थापना की। उनके भाई के डेयरी से जुडऩे के बाद कारोबार फैलने लगा। उन्होंने नई मशीनरी खरीदी तथा कंडैस्ड मिल्क भी तैयार करने लगे।
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