ये है जंग के इस्तीफे की असली वजह

नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने गुरुवार को अचानक इस्तीफा दे दिया। अपने मैसेज में उन्होंने नरेंद्र मोदी, अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की जनता का शुक्रिया अदा किया।

img_20161223085525उनके अचानक इस्तीफे पर कांग्रेस नेता अजय माकन ने पूछा- ”मोदी और केजरीवाल में क्या डील हुई? अगर कोई आरएसएस नेता एलजी बना तो कांग्रेस इसका कड़ा विरोध करेगी।” बता दें कि 65 साल के जंग को यूपीए सरकार के वक्त 2013 में एलजी बनाया गया था। 
मोदी सरकार ने ढाई साल के दौरान कई राज्यपाल बदले, लेकिन पूर्व आईएएस अफसर जंग बरकरार रहे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, होम सेक्रेटरी रहे अनिल बैजल को नया उपराज्यपाल बनाया जा सकता है। 
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी कि आम आदमी पार्टी की सरकार के साथ तल्ख रिश्तों को जंग के इस्तीफे की सबसे बड़ी वजह नहीं माना जा रहा है। दरअसल, वे पिछले कुछ महीनों से ही पद छोड़ने के बारे में सोच रहे थे। उन्होंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है। आम तौर पर गर्वनर पांच साल के लिए अप्वाइंट किए जाते हैं, लेकिन लेफ्टिनेंट गर्वनर के पद के लिए कोई टर्म फिक्स नहीं होती।
सेंट्रल होम सेक्रेटरी राजीव महर्षि को लिखे लेटर में जंग ने बताया है कि वह 25 दिसंबर से 1 जनवरी (सात दिन) के लिए गोवा विजिट पर जाने वाले हैं। उनके नहीं रहने पर दिल्ली के दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी आपके कॉन्ट्रैक्ट में रहेंगे और अहम मुद्दे पर जानकारियां देंगे।
कल ही गृह सचिव से मिले, लेकिन इस्तीफे के बारे में नहीं बताया
केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने बताया कि उन्हें भी मीडिया के जरिए जंग के इस्तीफे की बात पता चली। उन्होंने कहा कि जंग मुझसे कल मिलने आए थे लेकिन उन्होंने इस्तीफे के कोई संकेत नहीं दिए। कल भी मेरी उनके साथ एक मीटिंग होने वाली थी।
कांग्रेस ने बताया- असम्मानजनक विदाई
 अजय माकन ने कहा, ”ये असम्मानजनक विदाई है। मोदी सरकार और केजरीवाल में क्या डील हुई है? जिससे जंग साहब को जाना पड़ा। अगर केंद्र किसी आरएसएस के पिट्ठू को दिल्ली में लाएगी तो कांग्रेस इसका कड़ा विरोध करेंगी।” बीजेपी नेता विजय सोनकर शास्त्री ने कहा, ”नजीब जंग ने यूपीए सरकार से लेकर एनडीए सरकार तक अपने जिम्मेदारी बखूबी निभाई। हालांकि सीएम केजरीवाल ने उन्हें उलझाने की काफी कोशिश की, लेकिन उन्होंने वही काम किया जो कानूनी तौर पर सही था।” बीजेपी नेता सतीश उपाध्याय ने कहा, ”ये जंग साहब का निजी फैसला है। इसका सम्मान किया जाना चाहिए।”
इस्तीफे पर आप नेताओं ने क्या कहा?
सीएम केजरीवाल ने कहा, ” जंग साहब का इस्तीफा बहुत हैरान करने वाला है। भविष्य के लिए उन्हें मेरी शुभकामनाएं।”
मंत्री कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया, ”जंग साहब को भविष्य की शुभकामनाएं। कठपुतली की डोर जिसके हाथ में है, उन्हें भी सद्बुद्धि दे ईश्वर। जंग साहब के बाद भी जंग जारी रहेगी क्या?”
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा, ”तमाम खट्टे-मीठे अनुभवों के बावजूद कह सकता हूं कि नजीब जंग साहब के साथ हमने मिलकर दिल्ली के लिए बहुत अच्छा काम किया। भविष्य के लिए शुभकानाएं।”
कुमार विश्वास ने कहा, ”जंग भले आदमी हैं, वे केंद्र के साथ फंस गए थे। हमारी सरकार के साथ कई मुद्दों पर उनका मतभेद रहा।”
एकेडेमिक्स में लौटेंगे जंग
एलजी हाउस ने बयान में कहा, ”जंग वापस अपने पहले प्यार यानी एकेडेमिक्स में जाएंगे। नरेंद्र मोदी, केजरीवाल को शुक्रिया। जनता के सहयोग की वजह से ही एडमिनिस्ट्रेशन को ठीक से चलाया जा सका।”
बता दें कि जंग दिल्ली के 20th उपराज्यपाल थे। उन्होंने 9 जुलाई, 2013 को पद संभाला था। इसके पहले जामिया यूनिवर्सिटी के कुलपति थे।
जंग की अप्वाइंटमेंट में शीला दीक्षित का बड़ा रोल रहा
दिल्ली में जन्मे और पले-बढ़े नजीब जंग ने सेंट कोलंबस स्कूल में पढ़ाई के बाद सेंट स्टीफंस कॉलेज से हिस्ट्री में बीए और एमए किया।
– इसके बाद सोशल पॉलिसी और विकासशील देशों में प्लानिंग पर 
M.Sc करने के लिए लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पढ़ाई करने गए
1973 में मध्य प्रदेश कैडर में IAS बने। 1994 से 1999 तक पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मिनिस्ट्री में ज्वाइंट सेक्रेट्री रहे। एशियन डेवलपमेंट बैंक में सीनियर एनर्जी स्पेशलिस्ट के रूप में भी सेवाएं दीं।  ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में फेलो भी रहे और दिल्ली स्थित ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन में एनर्जी रिसर्च के डायरेक्टर भी रहे हैं। 2009 से 2013 के बीच जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनीवर्सिटी के 13वें वाइस चांसलर के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं। जंग 2013 में एलजी बने थे। उस वक्त उनकी अप्वाइंटमेंट में सीएम रहीं शीला दीक्षित का बड़ा रोल था। तब जंग जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर थे।

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