आचार्य चाणक्य एक कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के तौर पर विश्व प्रसिद्ध हुए। उनकी चाणक्य नीति में जीवन से सबंधित महत्वपूर्ण विषयों की ओर ध्यान दिलाया गया है। साथ ही इसमें मित्र-भेद से लेकर शत्रु तक की पहचान के बारे में बताया गया है। यही कारण है कि इतनी सदियां बीतने के पश्चात् आज भी चाणक्य के बताए गए सिद्धांत तथा नीतियां प्रासंगिक हैं, तो इसकी कारण यही है कि उन्होंने अपने गहन अध्ययन, चिंतन तथा जीवन के अनुभवों से अर्जित अमूल्य ज्ञान को चाणक्य नीति के जरिये जाहिर किया।

आचार्य चाणक्य के मुताबिक, कुछ लोग हैं जो दूसरों का दुख कभी नहीं देख सकते। उन्होंने आगे बताया कि ये लोग हैं, राजा, यमराज, अग्नि, चोर, छोटा बच्चा, भिखारी तथा कर वसूल करने वाला। आचार्य चाणक्य के मुताबिक, मनुष्यों में और निम्न स्तर के प्राणियों में खाना, सोना, घबराना तथा गमन करना एक बराबर ही है। मनुष्य अन्य प्राणियों से श्रेष्ठ है, तो केवल अपने विवेक, ज्ञान की बदौलत। इसलिए जिन लोगों में ज्ञान नहीं है वे पशु हैं।
चाणक्य नीति बताती है कि वह शख्स इंद्र के राज्य में जाकर क्या सुख भोगेगा, जिसकी पत्नी प्रेमभाव रखने वाली तथा सदाचारी है। जिसके पास प्रॉपर्टी है, जिसका पुत्र सदाचारी तथा अच्छे गुण वाला है और जिसको अपने पुत्र द्वारा पौत्र हुए हैं। आचार्य चाणक्य के मुताबिक, जिसमें सभी जीवों के प्रति परोपकार की भावना है, वह सभी समस्याओं को हरा सकता है तथा उसे प्रत्येक कदम पर सभी तरह की सम्पन्नता प्राप्त होती है।
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