मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि सरकार चाहती है कि इलेक्ट्रिक वाहन अपनाना इतना आसान हो कि यह हर दिल्लीवासी की पहली पसंद बन जाए।
दिल्ली सरकार ने नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति का खाका तैयार कर लिया है। अगले वित्त वर्ष में इसे लगू कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि सरकार चाहती है कि इलेक्ट्रिक वाहन अपनाना इतना आसान हो कि यह हर दिल्लीवासी की पहली पसंद बन जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि ईवी पॉलिसी प्रदूषण को नियंत्रित करेगी। अभी गैर ईवी वाहनों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण का एक बड़ा कारक है। सरकार नई नीति केवल आर्थिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली को एक स्वच्छ भविष्य देने के लिए ला रही है। दिल्ली का हर नागरिक जब ईवी अपनाएगा, तभी पीएम2.5 और पीएम10 के स्तर में सीधी गिरावट आएगी। नई पॉलिसी में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और सब्सिडी खास रहेगी, जिससे दिल्ली न केवल देश की, बल्कि दुनिया की ईवी राजधानी बनेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी के 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य को दिल्ली से ताकत मिलेगी।दिल्ली का भूगोल और जलवायु ऐसी है कि यहां जीरो उत्सर्जन वाहनों के अलावा कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है। इसलिए सरकार ईवी को लग्जरी नहीं, बल्कि जरूरी मानती है। चाहे हर मध्यमवर्गीय परिवार को ईवी खरीदना पड़े, सबको सस्ती और अच्छी सुविधा देंगे।
कीमतें कम करेगी सरकारी सब्सिडी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की ओर से वित्तीय प्रोत्साहन मिलने से इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें घट जाएंगी। ईवी वाहन खरीदने के लिए रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क को पहले ही समाप्त किया है, जिससे नई गाड़ी खरीदना काफी सस्ता हो जाएगा। सरकार ने पुराने वाहनों के लिए स्क्रैपिंग प्लान बनाया है। सरकार प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए स्क्रैपिंग इंसेंटिव योजना ला रही है। यदि कोई नागरिक अपना पुराना पेट्रोल या डीजल वाहन कबाड़ (स्कैप) करता है, तो उसे नया ईवी वाहन खरीदने पर अतिरिक्त आर्थिक लाभ मिलेगा।
ईवी नीति पर सरकार की साझेदारों से मंथन
सरकार ने वाहन निर्माताओं से कहा है कि वे मांग के मुताबिक ईवी की आपूर्ति करें। कंपनियों को आगाह किया गया है कि वे वाहनों की लागत वाजिब रखें। नीति को अंतिम रूप देने से पहले बिजली कंपनियों, वाहन निर्माताओं और स्क्रैप डीलरों के साथ विस्तृत चर्चा चल रही है और मसौदा जनता के सुझावों के लिए सार्वजनिक किया जाएगा।
आवासीय कॉलोनियों मे चार्जिंग स्टेशन
मुख्यमंत्री ने कहा, सार्वजनिक स्थानों के अलावा आवासीय कॉलोनियों में सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट बनेंगे। पुरानी बैटरियों के वैज्ञानिक तरीके से निपटान और बैटरी स्वैपिंग (बदलने) की सुविधा मिलेगी। चार्जिंग के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। वाहन मालिकों को इलेक्ट्रिक माध्यम पर जाने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
ऊर्जा मंत्री की अध्यक्षता में काम कर रही विशेष समिति
ईवी पॉलिसी में कमियां न रहें, इसके लिए चार महीना पहले ऊर्जा मंत्री आशीष सूद की अध्यक्षता में एक मंत्रिमंडलीय समिति बनी है। इसकी कई बैठकें हुई हैं, जिनमें आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों और अन्य सलाहकारों की मदद से एक वैज्ञानिक ढांचा तैयार किया है, जो बैटरी रीसाइक्लिंग और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का समाधान देगा।
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