हमारे शरीर के लिए आयरन का होना बहुत जरूरी है। यह हमारे शरीर के लिए फायदेमंद है। आयरन हमारे शरीर के अंदर खून में हीमोग्लोबिन और जरूरी एंजाइम बनाने में मदद करता है। इसका स्तर सामान्य से कम होने पर शरीर में खून की कमी हो सकती है और एनीमिया होने के साथ कई समस्याओं का कारण बनती है। कई बार देखा गया है कि लोग शरीर में आयरन की कमी पूरी करने के लिए आयरन टैबलेट की ओवरडोज ले लेते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए ऐसा करना घातक साबित हो सकता है।
लक्षण : थकावट व सांस फूलना
कमजोरी महसूस होना, थकान, सांस फूलना, व्यायाम करने की क्षमता घटना, नाखून व आंखों का पीला पडऩा आयरन की कमी के लक्षण हैं। नवजात, किशोर व गर्भवती महिलाओं में अधिक आयरन की कमी हो सकती है क्योंकि उनके बढ़ते शरीर को आयरन की काफी जरूरत होती है। अधिकांशत: इसकी कमी महिलाओं में देखी जाती है क्योंकि मासिक चक्र के कारण ब्लड लॉस होने की वजह से ऐसा होता है।
आयरन की कितनी जरूरत
पुरुष को प्रतिदिन 8.7 व महिला को 14.8 मिग्रा आयरन की जरूरत होती है। एक गर्भवती महिला को रोजाना 30 व एनीमिक महिला को 120 मिग्रा आयरन लेना चाहिए।
दवाई लेने का तरीका
कब : आयरन की कमी के लक्षण दिखें और डॉक्टर की सलाह के बाद।
कैसे: इसे कभी खाली पेट न लें। खाना या नाश्ता करने के 20-30 मिनट बाद ही लें। वर्ना सीने में जलन की समस्या हो सकती है।
कितनी: इसकी एक टैबलेट से अधिक लेना ओवरडोज की श्रेणी में आता है।
ध्यान रखें : आयरन और कैल्शियम की गोली एक साथ न लें। कैल्शियम शरीर में आयरन के अवशोषण में दिक्कत पैदा करता है।
ऐसे प्रभावित होता शरीर
ओवरडोज के कारण शरीर में होने वाली दिक्कतों की गंभीरता इस बात पर निर्भर करती है कि कितनी टैबलेट ली गई हैं। ऐसे में उल्टी, पेट में जलन और दस्त की शिकायत होती है।
तीन स्टेज में नुकसान
पहली : दवा लेने के 6 घंटे के अंदर कई बार उल्टी होना, पेट दर्द होना, दस्त होने के साथ ब्लड प्रेशर डाउन होने लगता है।
दूसरी : 12 से 24 घंटे में खूनी दस्त, लगातार लो-बीपी होना, मेटाबॉलिक एसिडोसिस (बॉडी में काफी मात्रा में एसिड का बनना) का बढऩा।
तीसरी : 24 घंटे बाद गुर्दे फेल होने के साथ बेहोशी रहती है। काफी अधिक डोज के मामले में मरीज की कोमा में जाने के बाद मौत भी हो सकती है।
ये अंग होते हैं प्रभावित
पेट : सीने में जलन, उल्टी, दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी लिवर डैमेज का कारण बन सकती है।
हार्ट : लगातार गिरता बीपी, धड़कनों का घटना-बढऩा हार्ट फेलका कारण बनता है।
किडनी : उल्टी, दस्त और पेट दर्द से लिवर प्रभावित होने के कारण किडनी फेल होने के मामले भी सामने आते हैं।