यूपी विधानसभा सत्र : बसपा प्रमुख मायावती ने सत्ता-विपक्ष विधायक से की अपील

उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हुआ. उधर, पहले दिन योगी सरकार के खिलाफ समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों ने जमकर हंगामा किया. इस हंगामे की वजह से सत्र को शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. हंगामे को रोकने के लिए अब बहुजन समाज पार्टी (BSP) अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने सत्ता और विपक्ष विधायक से अपील की.

बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करके कहा, “उत्तर प्रदेश में सत्ता व विपक्ष के विधायकों से मेरी पुरजोर अपील है कि वे विधानसभा के चल रहे वर्तमान सत्र में दलगत राजनीति से उपर उठकर जनहित के विशेष मुद्दों को जरूर प्रभावी ढंग से सदन में उठाकर शासन/ प्रशासन को जिम्मेदार व जवाबदेह बनायें. व्यापक जनहित की यही माँग है.”

आगे मायावती ने कहा, “वैसे तो विकास का मुद्दा सरकार के एजेण्डे से काफी हद तक गायब है, किन्तु महिला उत्पीड़न तथा दलितों, मुस्लिमों व ब्राह्मण समाज आदि की द्वेष की भावना से हो रही हत्यायें व अन्य अत्याचार आदि की अर्थात यूपी में बिगड़ी कानून-व्यवस्था को लेकर आवाज जरूर उठायें, समय की यह माँग है.”

बता दें सत्र में 17 विधेयकों को मंजूर किए जाने की तैयारी है. सरकार ने कोरोना काल में जो अध्यादेश लागू किए हैं. जैसे विधायक निधि स्थगित करने, मंत्री और विधायकों के वेतन में कटौती, कोरोना संक्रमण का इलाज करने वालों पर हमले की घटनाओं को रोकने जैसे कई निर्णयों से जुड़े विधेयक शामिल हैं. इसमें सबसे अहम उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश और उत्तर प्रदेश गोवध निवारण संशोधन अध्यादेश भी हैं.

अध्यादेशों को विधानसभा की मंजूरी मिलना आवश्यक
दरअसल, संवैधानिक बाध्यता के तहत अध्यादेशों को विधानमंडल की मंजूरी मिलना आवश्यक है. विधेयक पास होने के बाद इन पर राज्यपाल की मंजूरी ली जाएगी. इसके बाद इन्हें अंतिम रूप से लागू माना जाएगा.

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