कोरोना वायरस महामारी के कारण देश में रोजगार का बड़ा संकट पैदा हो गया है. लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर काम छोड़कर अपने घर वापस लौटे हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर इस मसले पर प्रदेश सरकार को घेरा है.
अखिलेश का कहना है कि यूपी में बेरोजगारी आत्महत्या की बड़ी वजह बनी है, लेकिन कुछ वक्त बाद ही जब बिहार चुनाव आएंगे तो हमारे ‘स्टार प्रचारक’ भी उड़ चलेंगे.
बुधवार सुबह अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा कि उप्र में आज बेरोज़गारी आत्महत्याओं के रूप में एक भयावह समस्या बन गयी है. कोरोना के सच को झुठलाकर चुनाव में व्यस्त हो गई भाजपा बेरोज़गारी व भुखमरी को जब समस्या ही नहीं मान रही है तो समाधान क्या करेगी. बिहार चुनाव आते ही कुछ दिनों बाद तो प्रदेश के ‘स्टार प्रचारक’ भी उड़ चलेंगे.
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में भारतीय जनता पार्टी की ओर से वर्चुअल रैलियों की शुरुआत की गई है. अबतक अमित शाह बिहार-ओडिशा और पश्चिम बंगाल में सभाओं को संबोधित कर चुके हैं.
अखिलेश यादव भाजपा की वर्चुअल रैलियों को भी निशाने पर लिए हुए हैं. बीते दिन अखिलेश यादव ने लिखा, ‘सुना है बिहार की तरह आज प. बंगाल में भी अरबों खर्च करके विश्व रिकार्ड बनाने वाली एक ‘खर्चुअल रैली’… या ‘वर्चुअल रैली’ हो रही है. दावा ये है कि ये चुनावी रैलियां नहीं हैं तो फिर बूथ स्तर तक इन्हें पहुंचाने के प्रयास क्यों? दरअसल भाजपा झूठ का विश्व रिकॉर्ड बना रही है.’
बता दें कि लॉकडाउन के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों से करीब एक करोड़ प्रवासी मजदूर अपने घरों को वापस लौट चुके हैं. इनमें से करीब बीस लाख से अधिक मजदूर यूपी के ही हैं, जो वापस आए हैं. ऐसे में इनके सामने अब रोजगार का संकट है.
प्रदेश सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि इन्हें अब प्रदेश में ही रोजगार मिलेगा, इसको लेकर हाल ही में कुछ MoU भी साइन किए गए हैं.
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